नई दिल्ली : आज अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों और वहां काम करने वाले लोगों के लिए लेवल-2 ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें “बढ़ी हुई सतर्कता” बरतने की सलाह दी गई है। यह कदम नियमित “सामान्य सावधानियों” से एक स्तर ऊपर है, जो संकेत देता है कि अमेरिका ने भारत में सुरक्षा जोखिमों को लेकर चिंता जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्रीय अस्थिरता इस ट्रैवल एडवाइजरी का कारण हो सकती है।
ट्रैवल एडवाइजरी के विवरण
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट travel.state.gov के अनुसार, लेवल-2 सलाह में नागरिकों से सतर्क रहने और अपराध व आतंकवाद जैसे जोखिमों से बचने की सिफारिश की गई है। इसके अतिरिक्त, भारत में सैटेलाइट फोन या GPS डिवाइस रखना अवैध है, जिसके लिए 2 लाख डॉलर तक का जुर्माना या तीन साल की जेल हो सकती है। महिलाओं को अकेले यात्रा करने से भी मना किया गया है, खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में, जहां आतंकवाद और अशांति की आशंका बनी हुई है।
घरेलू घटनाओं का असर?
हालांकि 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया हादसे के बाद सुरक्षा चिंताएं उठी थीं, लेकिन डीजीसीए ने बेड़े की सुरक्षा पर कोई गंभीर मुद्दा न पाने की बात कही है। इससे संकेत मिलता है कि ट्रैवल एडवाइजरी का कारण घरेलू हवाई सुरक्षा नहीं, बल्कि क्षेत्रीय भू-राजनीतिक तनाव हो सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया और आगे की राह
अभी तक भारतीय सरकार की ओर से इस एडवाइजरी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत इस कदम को अपनी संप्रभुता पर सवाल के रूप में देख सकता है, खासकर तब जब वह अमेरिकी मध्यस्थता को स्वीकार करने से इनकार कर चुका है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और अमेरिकी दूतावास की सलाह पर नजर रखें।