नई दिल्ली : ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपनी सैन्य और राजनयिक तैयारियों को तेज कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने इराक के बगदाद में अपने दूतावास में हलचल बढ़ा दी है, जबकि मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत किया जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने सऊदी अरब और जॉर्डन में एफ-22 और एफ-35 लड़ाकू जेट्स तैनात किए हैं, जबकि डिएगो गार्सिया में बी-52 रणनीतिक बमवर्षक भी मौजूद हैं। ये कदम ईरान के खिलाफ अमेरिका की रक्षात्मक मुद्रा को दर्शाते हैं, जो हाल ही में इजरायल पर मिसाइल हमलों के बाद से तनाव में है।
ईरान ने 1 अक्टूबर 2024 को इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलों का हमला किया था, जिसे ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II’ नाम दिया गया था। इस हमले को ईरान ने इजरायल द्वारा तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीयेह और हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्याओं के जवाब में आत्मरक्षा का कदम बताया। हालांकि, इजरायल ने दावा किया कि अधिकांश मिसाइलें रोक ली गईं और कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं हुआ।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का इतिहास लंबा रहा है, जिसमें 2019 में ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को आतंकवादी संगठन घोषित करना और 2020 में इराक में अमेरिकी हितों पर हमले शामिल हैं। बगदाद में अमेरिकी दूतावास, जो पहले भी तनाव का केंद्र रहा है, एक बार फिर सुर्खियों में है।
इस बीच, गाजा में इजरायल के हवाई हमलों में 210 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 60 से अधिक बच्चे शामिल हैं, जैसा कि अल जज़ीरा की रिपोर्ट में उजागर हुआ है। ये घटनाक्रम क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष की आशंका को और बढ़ा रहे हैं।
अमेरिकी रक्षा सचिव पेट हेजसेथ ने कहा कि ये तैनाती क्षेत्र में अमेरिका की रक्षात्मक मुद्रा को मजबूत करने का हिस्सा हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम ईरान के साथ टकराव को और बढ़ा सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा पैदा हो सकता है।