नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जो 2019 के पुलवामा हमले के बाद क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “मैं सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं। यह एक दुखद घटना थी, और हमारी सरकार आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।” इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिसके बाद शाह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक भी की थी ताकि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
इस दौरान अमित शाह ने यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं सक्सेना जी को धन्यवाद देता हूं। मैं बहुत साल पहले यहां आया था, तब मैंने कालिंदी घाट पर ढेर सारा कूड़ा, दुर्गंध और कीचड़ देखा था। लेकिन आज ऐसा लगता है कि मैं यहां पहले कभी आया ही नहीं था। यमुना के इस तट पर, कालिंदी घाट पर, अब कोई सुगंध के साथ बैठ सकता है, जो पहले कल्पना करना भी मुश्किल था।”
शाह ने यमुना नदी के शुद्धिकरण को दिल्लीवासियों और पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण बताया। यह बयान दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद के राजनीतिक माहौल में भी अहम माना जा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने आम आदमी पार्टी (AAP) और इसके नेता अरविंद केजरीवाल पर यमुना सफाई को लेकर किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने तब केजरीवाल पर हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का “झूठा” आरोप लगाकर दिल्लीवासियों को डराने की कोशिश करने का भी इल्ज़ाम लगाया था।
पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को अनंतनाग के बैसारन मीडो में हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त किया गया, और कई संदिग्धों की पहचान की गई। हालांकि, लश्कर से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
इस घटना के बाद देश और विदेश में व्यापक निंदा हुई। ब्रिटेन की संसद में भी इस हमले की भर्त्सना की गई, और कांग्रेस पार्टी ने 25 अप्रैल को देशभर में कैंडललाइट मार्च निकालकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी थी।
यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली में तीन साल की योजना शुरू की गई है, जिसमें कालिंदी कुंज घाट और वासुदेव घाट जैसे कुछ स्थानों पर आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। हालांकि, आईटीओ घाट जैसे अन्य क्षेत्रों में अभी काम शुरू होना बाकी है। इस योजना को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं, लेकिन चुनौतियां भी बरकरार हैं।
अमित शाह का यह बयान न केवल आतंकवाद के खिलाफ सरकार के रुख को दर्शाता है, बल्कि दिल्ली में पर्यावरण और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर भी बीजेपी के फोकस को रेखांकित करता है।