मुंबई, महाराष्ट्र: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यहां अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया और देश के अन्नदाताओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई है, जो किसानों को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
शाह ने अपने बचपन से ही सहकारिता से जुड़े होने की बात याद करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जरूरत समझी है। आज भारत के सहकारिता मंत्रालय और प्रत्येक राज्य के सहकारी रजिस्ट्रार के पास यह डेटा उपलब्ध है कि किस गांव में कितनी सहकारी संस्थाएं हैं।” उन्होंने आगे बताया कि अब देशभर में 2 लाख नए प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो किसानों को ऋण और अन्य सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगा।
यह पहल 2025 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के थीम “सहकारिताएं एक बेहतर दुनिया बनाती हैं” (Cooperatives Build a Better World) के अनुरूप है, जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहकारिता मॉडल की भूमिका को रेखांकित करती है।
शाह की इस घोषणा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों को आधुनिक तकनीकों और वित्तीय सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है, जो विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में स्थापित करेगा।