प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 अगस्त को बिहार पहुंच रहे हैं। वे रात 9:30 बजे पटना एयरपोर्ट पर उतरेंगे और वहीं रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद 8 अगस्त की सुबह वे सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम पहुंचेंगे, जहां वे भव्य मां जानकी मंदिर निर्माण कार्य का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे। पुनौराधाम में प्रस्तावित मां जानकी मंदिर का निर्माण भव्यता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ किया जाएगा। इस मंदिर का वास्तु डिज़ाइन अयोध्या के राम मंदिर के प्रमुख वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार किया गया है। प्रस्तावित मंदिर की ऊँचाई 156 फीट होगी, जो अयोध्या के राम मंदिर (161 फीट) से सिर्फ 5 फीट कम है।
36 महीनों में होगा निर्माण
मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत ₹882 करोड़ से अधिक बताई गई है और इसे 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें धर्मशालाएं, धार्मिक संग्रहालय, यात्रियों के लिए सुविधाएं और पर्यटन को बढ़ावा देने वाली कई संरचनाएं शामिल होंगी।
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भव्य आयोजन की तैयारियां तेज
इस ऐतिहासिक शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक तैयारियां चरम पर हैं। मंगलवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और डीजीपी विनय कुमार ने पुनौराधाम पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने भूमिपूजन स्थल, सभा स्थल, मंदिर परिसर, हेलीपैड, ट्रैफिक रूट और पार्किंग क्षेत्रों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को कार्य की गुणवत्ता और समयसीमा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डीजीपी ने सुरक्षा और व्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों—जैसे भीड़ नियंत्रण, रूट चार्ट, यातायात प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था और साउंड सिस्टम—पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सीतामढ़ी की जिलाधिकारी रिची पांडेय ने कहा, “यह आयोजन जिले के लिए गर्व का विषय है, और इसे पूरी गरिमा व अनुशासन के साथ संपन्न किया जाएगा।”
धार्मिक माहौल और जनता में उत्साह
इस आयोजन को लेकर भाजपा कार्यकर्ता पूरे क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे ‘जय-जय सीताराम, चलू पुनौराधाम’ के जयघोष के साथ घर-घर जाकर अक्षत (चावल) वितरित कर रहे हैं और लोगों को कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहे हैं। जिले में धार्मिक उत्साह अपने चरम पर है, और हजारों श्रद्धालुओं के शिलान्यास समारोह में शामिल होने की संभावना है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय और राज्य सरकार के कई मंत्री, संत-महात्मा और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति भी अपेक्षित है। इसे बिहार में एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है।