नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और मुख्य सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री, साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल (एलजी) शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था। हाल ही में 2 मई 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया है। इस घटना के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस पृष्ठभूमि में यह बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में अवैध घुसपैठ, सीमा पार तस्करी और सीमा सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान राज्यों से सीमा सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के साथ मिलकर काम करने की अपील की। यह बात पहले भी कोलकाता में आयोजित 25वीं ईस्टर्न जोनल काउंसिल (EZC) की बैठक में सामने आ चुकी है, जहां शाह ने राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी पर जोर दिया था।
बैठक में शामिल पंजाब जैसे राज्यों ने सीमा पर बढ़ते तनाव और रसद से जुड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया। बता दें इस बैठक मे भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी अवैध घुसपैठ और तस्करी जैसे मुद्दे पर भी चिंता जाहिर किया किया ।
बताते चलें कि पहलगाम हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक बैठक भी हुई, जिसमें पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश की, लेकिन उसे ज्यादा समर्थन नहीं मिला। भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी कार्रवाइयां आतंकवाद के खिलाफ केंद्रित और संयमित हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर एक ठोस रणनीति तैयार करना है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और सीमा पर शांति बनाए रखी जा सके।