दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में एक सभा को संबोधित करते हुए हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवाद को भारत की धरती से जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लड़ाई में कोई भी आतंकी बख्शा नहीं जाएगा।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा,
"अगर कोई कायराना हमला करके सोचता है कि यह उसकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लीजिए, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। हमारा संकल्प है कि इस देश के हर इंच से आतंकवाद को खत्म करना है और यह संकल्प पूरा होगा। न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरा विश्व इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। विश्व के सभी देश भारत के लोगों के साथ आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में एकजुट हैं। मैं फिर से इस संकल्प को दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने यह अपराध किया है, उन्हें उचित सजा जरूर दी जाएगी।"
यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 22 अप्रैल 2025 को 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। हमले के बाद से भारत सरकार ने सख्त कदम उठाने की बात कही है, जिसमें सीमा पर सैन्य कार्रवाई, खुफिया तंत्र को मजबूत करना और आतंकवाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शामिल है।
गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो ने इस हमले को एक गंभीर सुरक्षा चूक माना है, जिसके बाद संसद में सर्वदलीय बैठक भी आयोजित की गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को समर्थन मिल रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई वैश्विक नेताओं ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
पहलगाम हमले के बाद से देश में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। असम में 22 लोगों को “पाकिस्तान का समर्थन करने” के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, वहीं जम्मू-कश्मीर में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
इस बीच, विपक्षी दलों ने भी सरकार से इस मामले में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की मांग की है।आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह लड़ाई न केवल सैन्य स्तर पर बल्कि कूटनीतिक और कानूनी स्तर पर भी तेज हो गई है। अमित शाह का यह बयान इस बात का संकेत है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करने जा रही है।