पटना में आयोजित दो दिवसीय जी टी आर आई 5.O कार्यक्रम में देश भर के उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बिहार की कई नामचीन हस्तियों ने भी हिस्सा लिया लेकिन सबसे खास रहे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान। समापन कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल ने समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रकाश डाला और धर्म के मार्ग पर चलने की नसीहत देते हुए सनातन के कई पौराणिक धर्म ग्रंथों का हवाला देकर उद्योग जगत से आए लोगों के सवालों का जवाब दिया।
![](https://insiderlive.in/wp-content/uploads/2025/02/image-48.png)
हालांकि विचार विमर्श के दौरान महामहिम का भी दर्द छलक गया और उन्होंने खुद को मुस्लिम गवर्नर कहे जाने पर घोर आपत्ति जताई। हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दी और कहा कि यह नियम सभी जनप्रतिनिधियों पर लागू होता है और किसी भी जनप्रतिनिधि को धर्म या जाति के प्रतिनिधि के रूप में नहीं देखना चाहिए।
पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की आनंद मोहन से मुलाकात, JDU में शामिल होने की चर्चा
पटना में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कोई भी ऐसा काम जिससे यह चेतना बढ़े कि मैं इस कम्यूनिटी में पैदा हुआ हूं, इस कास्ट में पैदा हुआ हूं। इससे आगे चलकर समाज में तनाव बढ़ते हैं। इस दौरान पत्रकार ने पूछा कि जो लोग आपके मुस्लिम होने को लेकर चर्चा करते हैं क्या आपको उससे दुख होता है? इस सवाल पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मैंने कहा कि ‘जाति चेतना’ उस समुदाय या जाति के प्रति जागरूकता है जिसमें मैं पैदा हुआ हूं…
दिल्ली की जीत के बाद NDA का बिहार टारगेट: 225 सीटों का ‘मिशन’, महागठबंधन की बिखरी चिंता!
उन्होंने आगे बताया कि जबकि मेरा जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ और मेरी आस्था मुस्लिम परिवार में है, लेकिन सार्वजनिक जीवन में, चाहे मैं संसद सदस्य, मंत्री या राज्यपाल के रूप में रहूं, मुझे भारत के नागरिक के रूप में देखा जाता है, किसी विशिष्ट समुदाय के सदस्य के रूप में नहीं।
मणिपुर में सियासी हलचल: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सौंपा इस्तीफा, जल्द बनेगी नई सरकार
पूरे देश में इन दिनों विपक्ष खासकर राहुल गांधी की ओर से जातीय गणना की मांग जोरो से उठाया जाता है।हालांकि किसी नेता का नाम लिए बिना आरिफ मोहम्मद खान ने अपने भाषण के दौरान और बाद में भी मीडिया से बात करते जातीय विभेद किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई।उन्होंने कहा कि इससे समाज में वैमनस्य और हिंसा का वातावरण बनता है।
बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान 7 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत की संस्कृति का सनातन आदर्श एक आत्मता है।