Asaduddin Owaisi: संसद में पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025, केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) बिल 2025 और संविधान (130वां संशोधन) बिल 2025 पर सियासत गरमा गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इन बिलों का कड़ा विरोध करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ओवैसी ने संसद में कहा कि ये बिल संविधान की मूल भावना और separation of powers (शक्तियों के विभाजन) के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। उनके मुताबिक, इस तरह के संशोधनों से जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों का अधिकार छिन जाएगा और कार्यपालिका (Executive) को मनमानी का खुला अधिकार मिल जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन बिलों के ज़रिए भारत को एक “Police State” में बदलना चाहती है।
Asaduddin Owaisi ने कहा कि यदि आरोप और शक के आधार पर ही निर्वाचित सरकारों को भंग करने या उनके अधिकारों को सीमित करने का प्रावधान लागू होगा, तो यह लोकतंत्र की आत्मा पर सबसे बड़ा हमला होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे जनता का विश्वास खत्म होगा और संसद से लेकर राज्यों की विधानसभाओं तक, चुनी हुई सरकारों की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार का दावा है कि ये बिल प्रशासनिक सुधार और सुरक्षा की दृष्टि से ज़रूरी हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर समेत केंद्र शासित प्रदेशों में पारदर्शिता और स्थिरता लाई जा सके। लेकिन विपक्ष इसे लोकतंत्र पर कुठाराघात बताते हुए लगातार विरोध कर रहा है।




















