बिहार में होली और जुमे की नमाज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। दरभंगा की मेयर अंजुम आरा के एक बयान ने बिहार की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया था कि 12:30 बजे से 2:00 बजे तक होली खेलने पर रोक लगाई जाए, ताकि मुस्लिम समुदाय शांति से जुमे की नमाज अदा कर सके।
होली बनाम राजनीति: बिहार में त्योहार से बड़ा बनता विवाद!
लेकिन इस बयान पर सियासी भूचाल आ गया है। JDU के नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि “अंजुम आरा को पार्टी से निकाल देना चाहिए!” अशोक चौधरी का यह बयान तब आया है, जब अंजुम आरा जदयू से ही जुड़ी हैं। भाजपा के नेता तो अंजुम पर गरम हैं और उनके खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन अशोक चौधरी जदयू के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्हें भाजपा का स्टैंड हूबहू भा गया है।
JDU के मंत्री ने ही उठाई पार्टी से निकालने की मांग
JDU नेता अशोक चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि “दरभंगा की मेयर को पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए। ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे!” यानी, अब JDU के ही मंत्री अंजुम आरा के खिलाफ खड़े हो गए हैं, जिससे यह विवाद और भी राजनीतिक रंग ले चुका है।
“होली भी होगी, नमाज भी होगी”— JDU का संतुलित बयान
वहीं, JDU के दूसरे मंत्री मदन सहनी ने नरम रुख अपनाते हुए कहा कि “कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, होली भी होगी और जुमे की नमाज भी पढ़ी जाएगी।” यानी सरकार की ओर से संतुलित बयान देने की कोशिश की गई, ताकि किसी भी पक्ष को नाराज न किया जाए।
बीजेपी ने बताया भड़काऊ बयान, कार्रवाई की मांग
नीतीश सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता नितिन नवीन ने अंजुम आरा के बयान पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि “यह एक भड़काऊ बयान है। सरकार को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। मुस्लिम भाई अगर नमाज के लिए बाहर निकलते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन त्योहार पर ऐसी बंदिशें लगाने की बात क्यों?”
“गजवा-ए-हिंद बनाना चाहती हैं मेयर!”— बीजेपी विधायक का बड़ा बयान
बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने अंजुम आरा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “दरभंगा की मेयर का बयान अस्वीकार्य है। ये लोग बिहार को ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘खलीफागिरी’ बनाना चाहते हैं। बिहार को इस्लामिक स्टेट बनाने की कोशिश हो रही है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे!”
उन्होंने सवाल उठाया कि जो लोग धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हैं, वे अब चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मेयर और उनके परिवार की गतिविधियां संदिग्ध रही हैं, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए।