राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर NDA के घोषणा पत्र पर तीखा हमला बोला। गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि “इतिहास में पहली बार 26 सेकंड में प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई”, इससे बड़ा मज़ाक लोकतंत्र के साथ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पत्रकार खुद हैरान थे—उन्होंने बताया कि यह उनके जीवन का सबसे छोटा प्रेस कॉन्फ्रेंस था।
गहलोत ने नीतीश कुमार और भाजपा नेताओं पर मीडिया से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब पत्रकार सवाल पूछने लगे, तो नेता उठकर चले गए, क्योंकि उनके पास जवाब नहीं था। गहलोत बोले, “मीडिया से डरना लोकतंत्र से डरने जैसा है। अगर आपने वादा किया था कि बिहार को 1 लाख 25 हजार करोड़ का पैकेज देंगे, तो अब उसका हिसाब दीजिए।”
गहलोत ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “उन्होंने कहा था कि हम गन्ने से शक्कर बनाएंगे और मैं वो शक्कर चाय में डालकर पी लूंगा — लेकिन आज तक बिहार के किसानों को मिठास नहीं मिली, सिर्फ कड़वाहट।”
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पूर्व मुख्यमंत्री ने NDA के मेनिफेस्टो को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि “नीतीश कुमार से घोषणा पत्र क्यों नहीं जारी कराया गया? क्या वे अब उस स्थिति में नहीं हैं कि बिहार के लोगों से वादे कर सकें?” गहलोत ने कहा कि ‘INDIA गठबंधन’ का घोषणा पत्र पूरी नीयत के साथ बना है, और “हम हर वादे को कैबिनेट में ले जाकर लागू करेंगे।”
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा प्रहार किया और पूछा कि पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दे पर वे चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि “पहले NDA बीते 20 साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करे, फिर नए वादे करे। बिहार की जनता अब पुराने झूठ नहीं खरीदेगी। हम NDA के घोषणापत्र को गांव-गांव ले जाकर लोगों को बताएंगे कि ये सिर्फ छलावा है।”
अशोक गहलोत ने इस दौरान इंदिरा गांधी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि “देश के लिए उनके बलिदान और त्याग को कभी भुलाया नहीं जा सकता। बांग्लादेश की आज़ादी से लेकर गरीबों के उत्थान तक, उन्होंने जो किया, वह आज भी प्रेरणा है।”






















