BOKARO : झारखंड विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण समिति की बोकारो में फजीहत हुई। झारखंड विधानसभा समिति की फजीहत जिस तरीके से हुई है यह विधानसभा कमेटी के लिए आज तक के इतिहास में पहली बार हुआ है। जब समिति के सभापति के साथ सदस्यों को निरीक्षण करने के लिए प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह विधानसभा समिति के लिए इतिहास में काला अध्याय रूप में अंकित किया जायेगा। आगबबूला हुए सदस्यों ने जिले के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। बोकारो परिसदन में उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत चल रही है।
दो दिन के दौरे पर है समिति
बोकारो में झारखंड विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण समिति दो दिवसीय दौरे पर बोकारो में है। दौरे के दौरान आज समिति प्रदूषण के हालात की जानकारी लेने के लिए जब वेदांता इलेक्ट्रोस्टील प्लांट पहुंचे तो समिति को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। कंपनी के द्वारा समिति को प्लांट के अंदर तक जाने नहीं दिया गया। जिसके बाद पूरी समिति बैरंग वापस बोकारो परिसदन पहुंच गई। हालांकि वेदांता इलेक्ट्रोस्टील के फैक्ट्री मैनेजर रविश शर्मा ने इसे सिक्योरिटी के अधिकारियों की गलती मानी है और कहा कि जांच कर इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्लांट के अंदर समिति को प्रवेश करा दिया गया था। लेकिन बीच में सिक्योरिटी के अधिकारियों ने उन्हें रोकने का काम जरूर किया था। गलती हुई है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
कई खामियां रास्ते में दिखी
समिति की हुई फजीहत को देखते हुए समिति के सदस्य जीग्गा सुसशरण होरो ने कहा कि कंपनी में प्रदूषण को लेकर जो जानकारी मिली थी उसे देखने का आज मौका नहीं मिला। कई खामियां रास्ते में देखने को मिली है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बदतमीजी की यह लग रहा है कि अंग्रेजी हुकूमत चल रही है। जिले के अधिकारियों को कोई मतलब नहीं रह गया है। समिति के प्लांट में जाने की सूचना पूर्व में दे दी गई थी, बावजूद इसके इस तरह की हरकत हुई। पुलिस का कोई भी अधिकारी समिति के साथ मौजूद नहीं था जो एक गंभीर विषय है। कमिटी रिपोर्ट बनाकर विधानसभा को सौंपने का काम करेगी।
कानूनी कार्रवाई के साथ मुकदमा
वहीं इस पूरे मामले पर आजसू से गोमिया विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो ने कहा कि आज जिस तरीके से विधानसभा समिति के सभापति के साथ सदस्यों का जो अपमान हुआ है। यह साफ तौर पर विधानसभा सदन का अपमान है और आज का दिन झारखंड के लिए काला अध्याय के रूप में है। आज तक किसी भी विधानसभा समिति के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ था। साफ तौर पर ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। दोषियों पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ मुकदमा दर्ज करना चाहिए।