पटना में आयोजित अतिपिछड़ा न्याय संकल्प (Atipichhda Nyay Sankalp) कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद राहुल गांधी, राजद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी मुखिया मुकेश सहनी एक मंच पर नजर आए। समारोह के दौरान महागठबंधन ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अति पिछड़ा वर्ग के लिए बड़े वादे और राजनीति का स्पष्ट संदेश दोनों दिए। नेताओं ने जनता से सीधे संवाद कर यह स्पष्ट किया कि अगर गठबंधन सत्ता में आया तो अति पिछड़ा समाज को पंचायत और नगर निकायों में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 25 प्रतिशत दी जाएगी — यह वादा राजनीतिक एजेंडा और चुनावी संकेत दोनों का समन्वय कर रहा था।
महागठबंधन ने अतिपिछड़ा न्याय संकल्प किया जारी.. आरक्षण और सामाजिक न्याय पर बड़ा दांव
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में नीतीश सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि बिहार के लोग ‘आया नीतीश गया नीतीश’ सुन- सुनकर थक चुके हैं; अब बदलाव का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्ता मनुवाद और गरीबों के स्वाभाविक अधिकारों के हनन को बढ़ावा दे रही है और जनता इस बार उसे जवाब देगी। यह रुख महागठबंधन की चुनाव रणनीति की स्पष्ट रूपरेखा पेश करता है: सामाजिक न्याय और आर्थिक हिस्सेदारी के मुद्दे पर चुनावी बहस तेज करना।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म.. जानिए साढ़े चार घंटे चली मीटिंग में क्या हुआ
राहुल गांधी ने सम्मेलन में अति पिछड़ा, आदिवासी, ओबीसी और दलित वर्गों की राजनीतिक व सामाजिक भागीदारी पर जोर दिया और पूछा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में सत्ता में रहने के बावजूद उन समुदायों को पर्याप्त हिस्सेदारी क्यों नहीं मिली। उन्होंने कहा कि महागठबंधन इन्हें एक स्पष्ट विजन और अधिकार देने का इरादा रखता है और जो वादे आज किए गए हैं, उनकी तिजोरी पर वे अपनी गारंटी देते हैं। राहुल के तेवर ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस चुनावी तौर-तरीकों को केवल वोट इकठ्ठा करने तक सीमित नहीं रखना चाहती बल्कि व्यापक संवैधानिक और नीतिगत परिवर्तन का भरोसा भी चाहती है।






















