बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों को साधने की रणनीति तेज कर दी है। सीएम नीतीश ने पंचायत प्रतिनिधियों – जैसे मुखिया, सरपंच और जिला परिषद सदस्यों – के हथियार लाइसेंस से जुड़े मामलों पर तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि कोई पंचायत प्रतिनिधि हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उस पर समयबद्ध तरीके से प्रक्रिया पूरी की जाए। इसी संबंध में गृह विभाग ने आज 24 जून को सभी जिलों के जिला दंडाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को औपचारिक पत्र भेजा है।
गृह विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए शस्त्र लाइसेंस आवेदनों पर तत्काल नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इस निर्देश का सीधा संबंध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 18 जून 2025 को की गई घोषणा से है, जिसमें उन्होंने जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऐसे आवेदनों का निपटारा तय समय सीमा में किया जाए।
सूत्रों के मुताबिक, यह कदम आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को सरकार के पाले में लाने की एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण इलाकों में खासा प्रभाव रखते हैं और चुनावी समीकरणों में इनकी भूमिका अहम मानी जाती है।