Congress Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। टिकट वितरण को लेकर उठे बवाल, अंदरूनी कलह और सियासी असंतोष के बीच पार्टी आलाकमान ने वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय को बिहार का नया रणनीतिक चेहरा बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला कांग्रेस हाईकमान ने राज्य इकाई में लगातार बढ़ रहे असंतोष और कृष्णा अल्लावरु की विफलता को देखते हुए लिया है।
कांग्रेस ने इस बार अपने संगठन को एक नए तरीके से सक्रिय करने की कोशिश की है। अविनाश पांडेय को न सिर्फ समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है बल्कि उन्हें राज्य में चुनावी रणनीति तैयार करने और सीट-स्तर पर समीक्षा की भी जिम्मेदारी दी गई है। पांडेय ने खुद अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर लिखा, “कल से बिहार प्रवास पर रहूंगा, जहां आगामी चुनावों के लिए संगठनात्मक समन्वय और रणनीति निर्माण की जिम्मेदारी संभालूंगा। यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा तय करने वाला निर्णायक अवसर है। एनडीए सरकार ने राज्य को बेरोज़गारी, पलायन और विकासहीनता की ओर धकेला है—अब जनता परिवर्तन के लिए तैयार है।”
कांग्रेस के अंदर मचे इस असंतोष को देखते हुए हाईकमान ने संगठन को बचाने के लिए अब एक अनुभवी और सख्त छवि वाले नेता को मैदान में उतार दिया है। अविनाश पांडेय लंबे समय से कांग्रेस के संगठनात्मक मामलों को संभालते आए हैं और उन्हें राहुल गांधी का भरोसेमंद माना जाता है। उनका बिहार में उतरना कांग्रेस के लिए एक तरह से “संघटनिक पुनर्गठन और विश्वास बहाली अभियान” के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस के भीतर यह चर्चा भी तेज है कि अविनाश पांडेय का आगमन पार्टी के अंदर नेतृत्व परिवर्तन का संकेत भी हो सकता है। कई पर्यवेक्षकों का मानना है कि पांडेय आने वाले दिनों में न केवल टिकट बंटवारे की पारदर्शिता पर ध्यान देंगे, बल्कि वे गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल को भी नई दिशा देने की कोशिश करेंगे।






















