रांची : झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शहीद आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) अधिकारी मनीष रंजन को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मनीष रंजन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई थी, जिसमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।
मनीष रंजन बिहार के रहने वाले थे और उनकी तैनाती हैदराबाद में थी। वे छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे, जहां बाइसरण वैली में आतंकियों ने हमला कर दिया। यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के बाद नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है। मनीष रंजन के पार्थिव शरीर को गुरुवार सुबह रांची हवाई अड्डे लाया गया, जहां से उसे सड़क मार्ग के जरिए उनके पैतृक गांव झालदा (पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले) ले जाया गया। रांची हवाई अड्डे पर बाबूलाल मरांडी के साथ-साथ कई प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पहलगाम हमले का देश पर प्रभाव और सरकार की प्रतिक्रिया
पहलगाम के बाइसरण वैली में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ ने ली है। हमले में मारे गए लोगों में पश्चिम बंगाल के तीन पर्यटक भी शामिल थे, जिनकी पहचान बिटान अधिकारी (कोलकाता), समीर गुहा (बेहाला), और मनीष रंजन (झालदा) के रूप में हुई है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कई बड़े फैसले लिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने पांच सूत्री रणनीति के तहत इंडस वाटर ट्रीटी (1960) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही अटारी एकीकृत चेकपोस्ट को बंद करने का फैसला लिया गया है, जो भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार का एक प्रमुख रास्ता था। इस चेकपोस्ट के जरिए सोयाबीन, सब्जियां, मिर्च, और प्लास्टिक जैसे सामानों का निर्यात और पाकिस्तान से ड्राई फ्रूट्स, जिप्सम, और नमक जैसी चीजों का आयात होता था। इस बंदी से छोटे व्यापारियों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है।
सीसीएस ने यह भी फैसला लिया कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है। पीएम मोदी ने इस हमले को “कायराना हरकत” करार देते हुए कहा कि इसके पीछे के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
आगे की जांच और सुरक्षा कदम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया और घायलों की स्थिति की जानकारी ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम, जिसका नेतृत्व डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी कर रहे हैं, ने हमले वाली जगह बाइसरण का दौरा किया। एनआईए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर जांच में जुटी है और फोरेंसिक साक्ष्य जुटा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस हमले की निंदा करते हुए इसे “आतंकवाद की कायराना हरकत” बताया है।
यह घटना एक बार फिर कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। सरकार के इन सख्त कदमों से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।