गिरिडीह के घोड़थंबा में होली जुलूस के दौरान दो पक्षों में हुए पथराव के बाद विवाद पर अब सियासी बयान शुरू हो गए हैं। झारखंड हिंसा पर भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कल जिस प्रकार से होली में जो घटनाएं हुईं वो बहुत दुखद है और सरकारी की यह कमजोरी है। यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है और सरकार कहती है कि जो लोग त्योहारों को बाधित करेंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा लेकिन यहां तो खुलेआम जुलूस पर हमला किया जा रहा है और पुलिस प्रशासन के लोग मूकदर्शक बने रहे।
आगजनी की घटना पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार और प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने पूरी घटना के लिए सरकार द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र की विफलता बताया है। इस मामले पर बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि होली जुलूस पर पथराव और आगजनी की घटना दुखद है। इन दिनों हिन्दुओं के पर्व त्यौहारों पर हिंसा करना नया ट्रेंड सा बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि घुसपैठियों की संरक्षक झामुमो-कांग्रेस की सरकार इसको बढ़ावा दे रही है।
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इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है। पर्व और त्यौहारों के पहले की जाने वाली शांति समिति की बैठक और प्रशासन की ओर से फ्लैग मार्च सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई हैं। ऐसा लगने लगा है कि राज्य सरकार खुद हिन्दू विरोधी तत्वों को हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिसड्डी बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने 2 दिन अधिकारियों को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए थे। फिर भी गिरिडीह में ऐसी घटना घट गई। इससे साफ है कि शासन-प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।
वहीं इस मसले पर सत्ताधारी पार्टी झामुमो की ओर से कहा गया है कि गिरिडीह के घोड़थंबा में होली मिलन के दौरान कुछ लोगों द्वारा मारपीट, झड़प और उपद्रव करने की कोशिश हुई है। इस पर गिरिडीह पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए शांति व्यवस्था बहाल कर दी है। झामुमो का आरोप है कि घटना की आड़ में सनसनी फैलाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे ‘फ्रिंज एलिमेंट’ पर ‘आयरन हैंड’ से काम करने के लिए झारखंड पुलिस स्वतंत्र है और इसकी बानगी पिछले दिनों दिख चुकी है।