रामबन, जम्मू-कश्मीर : चेनाब नदी पर स्थित बगलिहार जलविद्युत परियोजना के सभी द्वार आज शाम 6:05 बजे बंद कर दिए गए हैं। बता दें, बगलिहार बांध, जो रामबान जिले में स्थित है, एक महत्वपूर्ण रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है, जिसका पहला चरण 2008-09 में और दूसरा चरण 2015-16 में पूरा हुआ था। यह परियोजना भारत की बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बांध के द्वार बंद करने का निर्णय संचालन प्रबंधन या रखरखाव का हिस्सा हो सकता है, जो चेनाब नदी के जल प्रवाह और बिजली उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। पाकिस्तान ने पहले इस बांध के डिजाइन मापदंडों पर आपत्ति जताई थी, जिसे वह 1960 के सिंधु जल संधि के तहत बहुत liberal मानता था। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता हुई और इसे हल किया गया।
चेनाब नदी, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, ऐसी परियोजनाओं के कारण जल प्रवाह में उतार-चढ़ाव देखती रही है। बांध के संचालन से जुड़े ऐतिहासिक डेटा और राजनयिक समझौते, जैसे 2015 में प्रारंभिक भराव के मुद्दे पर चर्चा, इस बात को रेखांकित करते हैं कि जल संसाधनों के साझा उपयोग में कितनी संवेदनशीलता बरतनी पड़ती है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब जल संसाधनों का प्रबंधन और दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का मुद्दा चर्चा में है। बगलिहार बांध के द्वार बंद करने का निर्णय क्षेत्रीय जल प्रबंधन और बिजली उत्पादन पर लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है।