क्वेटा : पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के खुजदार जिले में बुधवार सुबह एक भीषण आत्मघाती बम धमाका हुआ, जिसमें एक मिलिट्री स्कूल की बस को निशाना बनाया गया। इस हमले में तीन मासूम बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 38 अन्य घायल हो गए। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह पहला मौका है जब बलूचिस्तान में स्कूल बस को निशाना बनाया गया है, जिससे इलाके में तनाव और डर का माहौल है।
हमला सुबह करीब 07:30 बजे उस वक्त हुआ, जब बस स्कूल जा रहे बच्चों को लेकर खुजदार शहर की ओर जा रही थी। स्थानीय डिप्टी कमिश्नर यासिर इकबाल ने बताया कि हमलावर ने एक कार में विस्फोटक भरकर बस को टक्कर मार दी, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ। धमाके की चपेट में बस के अलावा आसपास के कुछ लोग भी आ गए। अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन स्थानीय सूत्रों और पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि इसके पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का हाथ हो सकता है।
पाकिस्तान ने भारत पर फोड़ा ठीकरा
हमले के कुछ घंटों बाद पाकिस्तानी सेना की प्रचार इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बयान जारी कर इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। आईएसपीआर ने दावा किया, “यह कायराना हमला भारत और उसके समर्थकों द्वारा बलूचिस्तान में किया गया है। मासूम बच्चों को ले जा रही स्कूल बस को निशाना बनाकर दुश्मन ने अपनी नीचता दिखाई है।” हालांकि, पाकिस्तान ने इस दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया।
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान अक्सर अपनी आंतरिक विफलताओं को छिपाने के लिए भारत पर ऐसे आरोप लगाता रहा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में नाकामी के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट साफ दिख रही है। भारत ने अभी तक इस आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा
बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठन आजादी की मांग को लेकर हिंसक हमले करते रहे हैं। इनका कहना है कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर रखा है और प्रांत के संसाधनों का शोषण कर रहा है। बीएलए को अमेरिका ने 2019 में वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया था।
हाल के महीनों में बलूचिस्तान में हिंसा में तेजी आई है। मई 2025 में ही बीएलए ने 51 स्थानों पर 71 समन्वित हमले किए थे, जिनमें पुलिस स्टेशन, सैन्य काफिले और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था। मार्च 2025 में बीएलए ने एक ट्रेन पर हमला कर 33 लोगों को मार डाला था, जिसमें ज्यादातर सैनिक थे।
हालांकि, बीएलए आमतौर पर महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाने से बचती रही है। जानकारों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तानी सेना को संदेश देने की कोशिश हो सकता है, क्योंकि बस आर्मी स्कूल से जुड़ी थी।
इलाके में तनाव, लोगों में डर
हमले के बाद खुजदार में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों में गुस्सा और डर दोनों देखा जा रहा है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे बच्चे अब स्कूल भी सुरक्षित नहीं हैं। सरकार हमें सुरक्षा देने में नाकाम रही है।”
पाकिस्तान के अन्य प्रांतों जैसे सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में भी अलगाववादी स्वर तेज हो रहे हैं। 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए तालिबानी हमले की यादें अभी भी ताजा हैं, जिसमें 154 बच्चों समेत 168 लोग मारे गए थे।
अंतरराष्ट्रीय चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई थी। उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और सैन्य टकराव से बचने की अपील की थी। बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा और भारत-पाक तनाव ने क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।