अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने मंगलवार को अहमदाबाद में एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा चंदोला झील के आसपास अवैध अतिक्रमण को हटाने और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बुलाई गई थी। इस बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस बल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
हाल ही में गुजरात में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया है। 26 अप्रैल को गुजरात पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), क्राइम ब्रांच, एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से राज्य भर में छापेमारी की, जिसमें 550 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से 100 से अधिक लोग सूरत से पकड़े गए, जबकि अहमदाबाद में भी 450 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पुलिस के अनुसार, ये लोग जाली दस्तावेजों के साथ भारत में रह रहे थे और जांच के बाद इन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट किया जाएगा।
चंदोला झील, जो अहमदाबाद के दानी लिमडा रोड के पास 1200 हेक्टेयर में फैली एक ऐतिहासिक जलाशय है, लंबे समय से अवैध अतिक्रमण और प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। इस झील को खारीकट नहर से पानी की आपूर्ति होती है, जो अब कचरे से भर चुकी है। एएमसी ने झील के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने और इसके पुनर्विकास की योजना बनाई है। यह झील न केवल जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कॉर्मोरेंट, पेंटेड स्टॉर्क और स्पूनबिल पक्षियों का भी निवास स्थान है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस बैठक में सख्त निर्देश दिए कि अवैध अतिक्रमण और घुसपैठ को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि देश भर में अवैध आप्रवासन को रोकने के लिए इस तरह के अभियान तेज किए गए हैं।
सूरत के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसओजी) राजदीप सिंह नाकुम ने बताया, “हमें खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की गई। हिरासत में लिए गए लोगों की जांच की जा रही है और जल्द ही उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी।”
यह कदम गुजरात सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें राज्य में अवैध गतिविधियों और अतिक्रमण पर लगाम लगाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।