ढाका : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस ने आतंकवादियों की मदद से सत्ता हथियाई और देश को अमेरिका के हाथों बेच दिया। हसीना ने यह भी दावा किया कि उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका को न देने की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
हसीना ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “जब अमेरिका ने सेंट मार्टिन द्वीप मांगा, तब मेरे पिता ने इनकार कर दिया। इसके चलते उन्हें अपनी जान देनी पड़ी। मैं सत्ता में बने रहने के लिए देश को बेचने की कल्पना भी नहीं कर सकती। जिस देश की आजादी के लिए 30 लाख लोगों ने अपनी जान दी, उसे एक इंच भी कोई कैसे दे सकता है?”
आतंकियों का राज, जेलें खाली: हसीना
शेख हसीना ने यूनुस पर आतंकवादियों और प्रतिबंधित संगठनों के सहारे सत्ता चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “उन्होंने आतंकियों की मदद से सत्ता हथियाई। जिन आतंकवादियों से हमने बांग्लादेश के लोगों को बचाया, आज वही खुली छूट में हैं। जेलें खाली कर दी गई हैं और सभी को छोड़ दिया गया। अब बांग्लादेश पर आतंकियों का राज है।”
अवामी लीग पर प्रतिबंध को बताया असंवैधानिक
हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग पर लगाए गए प्रतिबंध को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान की नींव मुक्ति संग्राम और संघर्ष से बनी है। यह अवैध सत्ता हथियाने वाले व्यक्ति कौन होते हैं, जो संविधान से छेड़छाड़ करें? उनके पास न जनमत है, न ही संवैधानिक आधार। जिस पद पर वह बैठे हैं, उसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है। संसद के बिना कानून बदलना पूरी तरह अवैध है।”
सेंट मार्टिन द्वीप और भू-राजनीतिक तनाव
सेंट मार्टिन द्वीप का मुद्दा लंबे समय से बांग्लादेश की राजनीति में चर्चा का केंद्र रहा है। यह छोटा सा द्वीप बंगाल की खाड़ी में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो बांग्लादेश और म्यांमार की समुद्री सीमा के पास स्थित है। हसीना ने पहले भी दावा किया था कि अमेरिका इस द्वीप पर सैन्य अड्डा बनाना चाहता है, हालांकि अमेरिका ने इन दावों का खंडन किया है। वेब स्रोतों के अनुसार, यह द्वीप न केवल संसाधनों और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र में चीन और अमेरिका जैसे देशों की भू-राजनीतिक रुचि का केंद्र भी है।
राजनीतिक उथल-पुथल की आशंका
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हसीना का यह बयान बांग्लादेश में बढ़ते तनाव को और हवा दे सकता है। यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पहले ही प्रदर्शनों और सेना के चुनाव कराने के दबाव का सामना कर रही है। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि यूनुस ने इस्तीफे की धमकी दी थी। हसीना और यूनुस के बीच गहराता टकराव आने वाले दिनों में चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।
शेख हसीना को अगस्त 2024 में छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के बाद सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपा गया। हालांकि, उनकी सरकार को सुरक्षा चुनौतियों और बढ़ते अपराधों के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हसीना का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बांग्लादेश में एक बार फिर प्रदर्शन तेज हो गए हैं।