पटना। शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित सामाजिक क्लबों में शुमार बाँकीपुर क्लब (Bankipore Club Election) एक बार फिर सुर्खियों में है। 21 दिसंबर को होने वाले क्लब चुनाव ने इस ठंड के मौसम में भी राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। क्लब के 11 निदेशक पदों के लिए कुल 16 प्रत्याशी मैदान में हैं और यह मुकाबला केवल पदों का नहीं, बल्कि प्रभाव, प्रतिष्ठा और भविष्य की दिशा तय करने का भी है। बाँकीपुर क्लब को पटना के एलीट समाज का प्रतिबिंब माना जाता है। लगभग 400 स्थायी सदस्य और 25 लाइफ मेंबर इस चुनाव में मतदान करते हैं, जिनमें शहर के नामचीन उद्योगपति, डॉक्टर, शिक्षाविद और समाज के प्रभावशाली चेहरे शामिल हैं। यही कारण है कि यह चुनाव हर साल केवल क्लब तक सीमित न रहकर शहर की चर्चा का विषय बन जाता है।

पिछले वर्ष क्लब का चुनाव दो बड़े गुटों में बंटा हुआ था, जिनका नेतृत्व महेश अग्रवाल और दिवंगत गोपाल खेमका कर रहे थे। गोपाल खेमका की दुखद हत्या के बाद क्लब की राजनीति में एक खालीपन आया और एक सीट रिक्त रह गई। इस वर्ष वही सियासी समीकरण नए रूप में सामने हैं। एक ओर महेश अग्रवाल गुट है, तो दूसरी ओर डॉ संजीव कुमार के नेतृत्व वाला गुट मजबूती से चुनौती पेश कर रहा है।
महेश अग्रवाल गुट में आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें खुद महेश अग्रवाल के साथ डॉ राणा नरेन्द्र, डॉ ओमप्रकाश, आशीष आदर्श, संजय अग्रवाल, रोहित अहलुवालिया, राज नंदन प्रसाद और प्रकाश सिंह शामिल हैं। इस गुट की खास बात यह है कि इसमें कारोबार और पेशेवर विशेषज्ञता का संतुलन साफ दिखाई देता है। महेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, प्रकाश सिंह और रोहित अहलुवालिया शहर के जाने-माने व्यवसायी हैं, जबकि डॉ राणा नरेन्द्र और डॉ ओमप्रकाश चिकित्सा जगत में प्रतिष्ठित नाम हैं। आशीष आदर्श का नाम भी इस चुनाव में खास चर्चा में है, क्योंकि पिछले वर्ष उनका नामांकन रद्द होना क्लब के अंदर लंबे समय तक बहस का विषय रहा था। शिक्षा और करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में सक्रिय आशीष आदर्श पटना में आरकेडी बिजनेस कॉलेज और एबीसी कॉलेज ऑफ एजुकेशन का संचालन करते हैं, जिससे उन्हें युवा और बौद्धिक वर्ग का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
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दूसरी ओर डॉ संजीव कुमार के नेतृत्व वाला गुट इस बार नए समीकरणों के साथ मैदान में उतरा है। उनके साथ डॉ बिपिन सिन्हा, सुभाष प्रसाद सिन्हा, सतीश चरण पहाड़ी, डॉ संजय संथालिया और डॉ गौरव खेमका चुनाव लड़ रहे हैं। इस गुट की पहचान पेशेवर और सामाजिक पृष्ठभूमि से जुड़े चेहरों के कारण मजबूत मानी जा रही है। खासकर डॉ गौरव खेमका का नाम दिवंगत गोपाल खेमका से जुड़े होने के कारण भावनात्मक समर्थन भी जुटा रहा है। इसके अलावा दो प्रत्याशी अंजनी कुमार और डॉ बिनोद कुमार सिन्हा स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में हैं। ये निर्दलीय उम्मीदवार समीकरण बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं और कई सदस्यों के लिए विकल्प बनकर उभर रहे हैं।
चुनाव को लेकर उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार से बाहर रहने वाले क्लब सदस्य भी बड़ी संख्या में 21 दिसंबर को मतदान के लिए पटना पहुंच रहे हैं। देर रात तक मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे और तभी यह तय होगा कि बाँकीपुर क्लब की कमान अगले कार्यकाल में किस गुट के हाथों में जाएगी।






















