नई दिल्ली : भारत मौसम विज के क्षेत्रीय विशेष मौसम केंद्र (आरएसएमसी) और चक्रवात चेतावनी केंद्र (सीडब्ल्यूसी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक गहरा निम्न दबाव क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) बन गया है, जो पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तटों के पास तेजी से बढ़ रहा है। यह सिस्टम गुरुवार, 29 मई 2025 को सुबह 08:30 बजे तक एक डिप्रेशन से गहरा निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया और 20 किमी/घंटा की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, यह गहरा निम्न दबाव क्षेत्र आज दोपहर तक पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच तट को पार कर सकता है। इस दौरान इसके और तीव्र होने की संभावना है, और यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान (सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म) में बदल सकता है, जिसमें हवाओं की गति 89 से 119 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
मौसम विभाग ने तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी है। विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम में 30 मई तक बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि समुद्र की स्थिति अत्यंत खराब रहने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में मछुआरे समुदाय पहले से ही जलवायु परिवर्तन और तटीय कटाव से प्रभावित हैं। हाल के वर्षों में साइक्लोन यास (2021) और साइक्लोन सित्रांग (2022) जैसे तूफानों ने इस क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। मौजूदा तूफान से तटीय सड़कों और मछली सुखाने के स्थानों को और नुकसान होने की आशंका है, जिससे मछुआरों की आजीविका पर और संकट बढ़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सिक्किम के 50 साल के सफर पर टिप्पणी करते हुए समावेशी शासन और क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया था। इस बीच, मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन तटीय क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए तैयारियों में जुट गए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और आपात स्थिति में निकटतम चक्रवात आश्रयों में शरण लेने की अपील की है। मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर अपडेट जारी किए जा रहे हैं, और लोगों से आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेने की सलाह दी गई है।