लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को जारी होने हैं, जिसके लिए 5 फरवरी को मतदान हो चुका है। मतगणना के एक दिन पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र की मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया है, तो वहीं नए मतदाताओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ गई है।
पांच साल में 32 लाख, लेकिन पांच महीने में 39 लाख नए मतदाता?
राहुल गांधी ने कहा कि “2019 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक, यानी पांच वर्षों में 32 लाख नए मतदाता जुड़े। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद महज पांच महीनों में महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 39 लाख नए नाम जोड़ दिए गए।”
उन्होंने इसे चौंकाने वाला आंकड़ा बताते हुए कहा कि “39 लाख मतदाता हिमाचल प्रदेश की कुल मतदाता संख्या के बराबर हैं। आखिर ये नए मतदाता कौन हैं और कहां से आए?”
दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाता प्रभावित
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, या फिर उन्हें एक मतदान केंद्र से दूसरे मतदान केंद्र पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि इससे लोकतंत्र की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।” राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी ने कई बार चुनाव आयोग से आधिकारिक रूप से मतदाता सूची की जानकारी मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, “हमने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यदि सब कुछ सही है, तो फिर वे जवाब देने से क्यों बच रहे हैं?”
राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि वे किसी पर सीधा आरोप नहीं लगा रहे, बल्कि केवल आंकड़ों के आधार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। चुनाव निष्पक्ष और भरोसेमंद होने चाहिए। अगर मतदाता सूची में इतने बड़े बदलाव हुए हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए।”