बिहार में अपराध (Bihar Crime Heat) की बढ़ती घटनाओं ने एक बार फिर सियासत को गर्मा दिया है। बेगूसराय में जदयू नेता निलेश कुमार की हत्या और रंगदारी नहीं देने पर कपड़ा व्यवसायी की गोली मारकर हत्या ने पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने गुरुवार को एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में हत्या का दौर नया नहीं, पहले भी NDA की सरकार थी और तब भी हालात इसी तरह थे।
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में अपराध की रफ़्तार थमने का नाम नहीं ले रही। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद उम्मीदें थीं कि एक्शन तेज़ होगा, लेकिन स्थिति और बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद हत्या का ऐसा दौर चला कि यह हाफ सेंचुरी पार कर गया। ट्रिपल मर्डर से लेकर जदयू नेता की हत्या और अब रंगदारी नहीं देने पर व्यवसायी की हत्या यह सब बताता है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
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राजद प्रवक्ता ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि शासन की बागडोर जिनके हाथ में है, क़ानून-व्यवस्था को मजबूत रखना उन्हीं की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ‘डिस्क्रिमिनेशन ऑफ एक्शन’ करती है, यानी कार्रवाई में भेदभाव दिखाती है, तो सत्ता की साख ही नहीं, प्रशासन की विश्वसनीयता भी खत्म हो जाती है। एक्शन में एकरूपता और दृढ़ता ही अपराध को रोक सकती है, लेकिन सरकार इस दिशा में विफल साबित हो रही है।
बेगूसराय की दो बड़ी घटनाओं ने राज्य में दहशत बढ़ा दी है। जदयू नेता निलेश कुमार की गोली मारकर हत्या ने जहां राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा की, वहीं कपड़ा व्यवसायी की हत्या ने व्यापारियों के बीच भय का माहौल गहरा दिया है। इस बीच औरंगाबाद में भी एक राजद नेता पर गोलियों से हमला हुआ, जिसमें उनके पैर में गोली लगी और उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया।






















