पश्चिम चंपारण के बेतिया जिले में पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी और रणनीतिक कार्रवाई करते हुए सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय स्तर पर अपराधियों के नेटवर्क को उजागर किया है बल्कि यह भी साफ कर दिया कि साइबर ठगी अब किस तरह संगठित रूप से संचालित हो रही है। पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से करीब तीन लाख रुपये नगद बरामद किए हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों से की गई ऑनलाइन ठगी से हासिल किए गए थे।

बेतिया साइबर थाना को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी ठगी से कमाई गई रकम को चारपहिया वाहन और बाइक से लेकर गुजरने वाले हैं। एसपी डॉ. शौर्य सुमन के निर्देश पर पुलिस की संयुक्त टीम ने मनुआपुल थाना क्षेत्र के चमनिया पुल पर विशेष वाहन जांच अभियान चलाया। जांच के दौरान पुलिस ने दो वाहनों में सवार सात संदिग्धों को हिरासत में लिया और जब उनकी तलाशी ली गई तो ठगी से जुड़ा तीन लाख रुपये नकद बरामद हुआ।
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पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि यह पैसा साइबर ठगी से एकत्रित किया गया था और इसे आगे सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) संचालकों तक पहुंचाया जाता था। सीएसपी संचालक इस पैसे को नकद के रूप में ग्राहकों को सौंप देते थे और बदले में उतनी ही राशि ग्राहकों से अपने बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर करवा लेते थे। इस पूरे लेन-देन पर संचालकों को कमीशन भी दिया जाता था। यह खुलासा पुलिस के लिए एक बड़े नेटवर्क तक पहुंचने का सुराग माना जा रहा है।
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सातों आरोपी पश्चिम चंपारण जिले के ही रहने वाले हैं। सभी से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों और मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके। बेतिया पुलिस की इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि इस तरह के संगठित अपराधी नेटवर्क को पकड़ना आसान नहीं होता। यह कार्रवाई भविष्य में साइबर अपराधियों के खिलाफ और सख्त कदम उठाने का संकेत देती है।
















