कैप टाउन : एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले की अगुवाई में भारत का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज दक्षिण अफ्रीका पहुंचा, जहां उन्हें भारत के कांसुल जनरल रूबी जसप्रीत ने गर्मजोशी से स्वागत किया। यह दौरा अप्रैल 2022 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति प्रस्तुत करने के प्रयासों का हिस्सा है।
प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के सामने रखना है। इस पहल के तहत सात विभिन्न देशों को भेजे गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से यह सातवां समूह है, जो मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर रहा है।
दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त प्रभात कुमार ने ट्विटर पर कहा, “सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का दक्षिण अफ्रीका में स्वागत। यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता और सभी रूपों में आतंकवाद से लड़ने के भारत के संकल्प को लेकर आया है।”
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध 1994 में apartheid के अंत के बाद से मजबूत हुए हैं। दोनों देशों ने रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को गहरा किया है। 1992-93 में महज 3 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2005-06 में द्विपक्षीय व्यापार 4 बिलियन डॉलर हो गया, और दोनों सरकारें 2010 तक इसे 12 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत की। यह दौरा भारत की वैश्विक राजनयिक प्रभावशालीता बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है, जहां आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना प्रमुख एजेंडा है।
सुप्रिया सुले ने कहा, “हमारा उद्देश्य भारत की सुरक्षा चिंताओं और आतंकवाद के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। दक्षिण अफ्रीका के साथ हमारे ऐतिहासिक और मजबूत संबंध इस प्रयास को और मजबूती देते हैं।”
यह यात्रा भारत की बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के प्रयासों को रेखांकित करती है।