बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के सिझौडी गांव में भगवान सूर्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्य पूरा हो गया है। यह वही स्थान है जहाँ 6 फरवरी को मिट्टी की खुदाई के दौरान भगवान सूर्य की आठवीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा मिली थी।
भूमि पूजन के बाद उसी तालाब में 24 घंटे का रामधुनी शुरू हो गया है, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण भगवान सूर्य की आराधना में जुटे हैं। अयोध्या में रामलला मंदिर निर्माण के बाद जमुई के सिझौड़ी में सूर्य मंदिर का निर्माण शुरू होने की चर्चा सभी जगह हो रही है।
ग्रामीणों ने अपनी जिद और आस्था का परिचय देते हुए प्रतिमा मिलने के 16 दिन बाद ही भगवान सूर्य मंदिर की नींव रख दी है। भगवान भास्कर के मंदिर निर्माण के लिए 2 घंटे तक भूमि पूजन हुआ, जिसके दौरान आसपास के कई गांवों के हजारों लोग उपस्थित रहे।
यह प्रतिमा साढ़े तीन फिट लंबी है और आठवीं शताब्दी की मानी जाती है। दुर्लभ प्रतिमा मिलने के बाद जिला प्रशासन उसे म्यूजियम में रखने के लिए अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। ग्रामीणों ने प्रतिमा को ठाकुरबाड़ी मंदिर में रख दिया है।
यह मंदिर निर्माण ग्रामीणों के लिए आस्था और गौरव का विषय बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल होगा, बल्कि पर्यटन स्थल भी होगा।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- स्थान: सिझौडी गांव, सिकंदरा प्रखंड, जमुई जिला, बिहार
- प्रतिमा: भगवान सूर्य की आठवीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा
- मंदिर: भगवान भास्कर का मंदिर
- भूमि पूजन: 24 फरवरी 2024
- रामधुनी: 24 घंटे का रामधुनी
- महत्व: धार्मिक और पर्यटन स्थल