भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक प्राइवेट कॉलेज की हिंदू छात्राओं को निशाना बनाकर रेप, ब्लैकमेलिंग और धर्म परिवर्तन के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में मुख्य आरोपी फरहान खान ने पुलिस पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने दावा किया कि हिंदू लड़कियों के साथ रेप करके उसने ‘सवाब’ यानी पुण्य का काम किया है। इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) आक्रोशित हो उठी है और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।
जानकारी के अनुसार, भोपाल के नामी निजी कॉलेज TIT में पढ़ने वाला फरहान अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर हिंदू छात्राओं को टारगेट करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरहान और उसके गैंग ने सेकुलर विचारधारा वाली हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया, क्योंकि उनका मानना था कि ऐसी लड़कियां आसानी से उनके जाल में फंस सकती हैं। फरहान ने बताया कि वह और उसके साथी पहले दोस्ती का जाल बुनते थे, फिर नशीला पदार्थ देकर लड़कियों के साथ रेप करते थे और इस दौरान उनके वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि फरहान के मोबाइल से 10-12 लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं। इस गिरोह में फरहान के अलावा साहिल, अली, साद, अबरार और नबील जैसे अन्य लोग भी शामिल हैं। अब तक भोपाल के पांच थानों में पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पीड़िताओं की शिकायत के बाद पुलिस ने फरहान और उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी फरहान को 13 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि अगर उसे पता होता कि पीड़िता उसके खिलाफ FIR दर्ज कराएगी, तो वह पहले ही उसके वीडियो वायरल कर देता। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जो साइबर क्राइम विशेषज्ञों के साथ मिलकर डिजिटल साक्ष्य और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है।
फरहान के कबूलनामे के बाद भोपाल हुजूर से BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “अगर इस्लाम में इसको सवाब माना जाता है, तो ध्यान रखना, कब्रिस्तान के बाद जहन्नुम भी मिलेगा। ऐसे अपराधियों को कुचल दिया जाएगा। यह अपराधी कहां-कहां गए थे, किन मकानों में गए थे, उन मकानों को भी तोड़ने की कार्रवाई होनी चाहिए। BJP सरकार ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।”
यह मामला 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल की याद दिलाता है, जहां 100 से अधिक हिंदू स्कूली छात्राओं को एक संगठित गिरोह ने निशाना बनाया था। भोपाल मामले में भी पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह ने और भी छात्राओं को निशाना बनाया होगा। कई पीड़िताएं सामाजिक कलंक के डर से सामने नहीं आ रही हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें काउंसलिंग की सुविधा देने का भरोसा दिया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखी गई है। साल 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 76,263 अपहरण और 31,677 रेप के मामले शामिल हैं। भोपाल का यह मामला एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
पुलिस ने इस मामले में रेप, ब्लैकमेलिंग, POCSO एक्ट, IT एक्ट और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या आरोपियों ने पीड़िताओं से पैसे भी वसूले थे। इस मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है और समाज में गहरे सवाल छोड़ दिए हैं।