बिहार में भाजपा के सामने चुनौती दूसरे राज्यों से कहीं अधिक है। यहां एक नहीं दो बड़े दल राजद और जदयू, भाजपा के खिलाफ एक प्लेटफॉर्म पर हैं और उन्हें कांग्रेस के साथ वामदलों का समर्थन भी है। 2024 के लिए भाजपा के खिलाफ रणनीति का केंद्र भी बिहार ही बना है। लेकिन दूसरी ओर भाजपा के नेताओं में खुद को Big Boss साबित करने की होड़ मची हुई है।
रूडी चला रहे अपना मिशन!
भाजपा चाहती है कि 2024 में केंद्री में मोदी सरकार हैट्रिक लगाए। इसके साथ बिहार में जब भी अगला चुनाव हो, यहां की सत्ता में भी भाजपा ही आए। लेकिन बिहार में भाजपा नेताओं के बीच का मनमुटाव अब उबल उबल कर बाहर आ रहा है। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के बदले तेवर कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं। बातों ही बातों में रूडी के लिए उनकी सभा में सीएम बनाने के नारे लग जाते हैं। यहां तक कि अब रूडी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को भी अपने से बहुत जूनियर बता रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार में भाजपा को जो भी सफलता मिल रही है, उसके नायक वे ही हैं।
सम्राट के पिता से रूडी ने की अपनी तुलना
राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि बिहार में ऐसे बहुत कम नेता होंगे जिनका राजनीतिक सफर 35 सालों का होगा। विधायक, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, केंद्रीय मंत्री हर पद पर रह चुका हूं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के पिता शकुनी चौधरी के साथ 1990 में मैं विधायक भी रहा हूं। 1999 में उनके साथ लोकसभा सांसद भी रहा हूं। रूडी यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के पिता के साथ भी मैंने राजनीति की है। वे भी मेरे साथ विधायक और सांसद रहे हैं।
यहीं नहीं राजीव प्रताप रूडी ने यह भी कहा कि आनंद मोहन सालों से जेल में बंद थे। लेकिन उनकी रिहाई तभी हुई जब मैंने पूरे बिहार में अभियान चलाया, तब वे छूटे। मैं शुरू से जातिगत जनगणना का विरोध कर रहा हूं। मेरी मुहिम के कारण ही मामला कोर्ट में पहुंचा और हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगा दिया।