बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ एक निर्णायक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत उनके “क्राइम प्रोसिड्स” यानी अपराध से अर्जित संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत दिसंबर 2024 में हुई थी और अब तक 1172 मामलों में अपराधियों की अवैध सम्पत्ति को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 4 मामलों में अदालत ने दोषियों को सजा भी सुनाई है।
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डीजीपी ने बताया कि अब जांच अधिकारी (IO) को पहले की तुलना में अधिक अधिकार दिए गए हैं। पहले IO को विभागीय प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट देनी पड़ती थी, जिसमें मुख्यालय, EOU और CID की मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत IO सीधे अदालत में लिखित रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। अदालत फिर 14 दिनों का समय देती है कि संबंधित व्यक्ति यह स्पष्ट करें कि संपत्ति कहां से आई। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो अदालत एकतरफा फैसला लेकर संपत्ति को जब्त कर सकती है।
अपराधियों की कमर तोड़ रही पुलिस की कार्रवाई
डीजीपी विनय कुमार ने कहा, “इस प्रक्रिया से अपराधियों का मनोबल टूट रहा है। अब तक राज्य में 1200 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। जो भी पुलिसकर्मी अपराध में संलिप्त पाए गए हैं, उन्हें बख्शा नहीं गया है – अब तक 60 पुलिस पदाधिकारी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।”
गवाही देने से बचने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई
डीजीपी ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ थानाध्यक्ष या पुलिसकर्मी समय पर गवाही नहीं देते, जिससे अपराधी छूट जाते हैं। उन्होंने बगहा के एक हत्या के मामले का उदाहरण देते हुए बताया कि पुलिस की गवाही नहीं देने के कारण मामला लटक गया था। उन्होंने स्वयं हस्तक्षेप कर गवाही दिलवाई, जिसके बाद कोर्ट ने त्वरित सजा सुनाई।
डीजीपी ने स्पष्ट किया, “जो पुलिसकर्मी कोर्ट में गवाही देने नहीं जाते, उनका वेतन रोक दिया जाता है। जब वे गवाही देकर EO सर्टिफिकेट लाते हैं, तभी वेतन जारी किया जाता है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से पत्र लिखकर और अधिक फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) और स्पेशल कोर्ट की मांग की जा रही है, ताकि हथियार कानून (ARMS ACT) जैसे मामलों का तेजी से निपटारा हो सके।
राजनीतिक झंडे और नंबर प्लेट पर भी सख्ती
डीजीपी ने कहा कि राज्य में गाड़ियों पर राजनीतिक झंडे और अनधिकृत नाम प्लेट लगाने पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल गलत है, आप कुछ नहीं हैं और अपने वाहन पर बड़े-बड़े पद लिखवा रहे हैं।” डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर दिखाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने पर उनके परिवार वालों को भी थाने बुलाया जा रहा है और सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पीएम मोदी के दौरे की तैयारी पूरी
20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है। उन्होंने बताया कि पीएम के कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण किया जा चुका है और मुख्य सचिव स्तर से व्यापक समीक्षा की गई है। पर्याप्त संख्या में बल की तैनाती की गई है।