पटना: बिहार सरकार ने एक बार फिर राजीवनगर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन पर बने मकानों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्षों से लंबित इस मुद्दे को हल करने के लिए नगर विकास विभाग एक नया प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसमें मकान मालिकों से पहले के मुकाबले कम शुल्क लिया जाएगा।
10% शुल्क पर होगी मकानों की नियमितता
नए प्रस्ताव के अनुसार, आशियाना-दीघा रोड के पूरब स्थित 600 एकड़ जमीन पर बने मकानों को नियमित करने के लिए मकान मालिकों को सर्किल दर का केवल 10% शुल्क देना होगा। इसके अलावा, मकान की रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय को भी 10% राशि देनी होगी। मकान मालिकों को परपिचुअल लीज दी जाएगी और यदि वे अपने मकान को आवास बोर्ड से फ्री-होल्ड कराना चाहते हैं, तो इसके लिए भी 10% शुल्क देना होगा।
‘दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक-2025’ बनेगा आधार
इस प्रस्ताव को ‘दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक-2025’ नाम दिया गया है। इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आशियाना-दीघा रोड के पूर्व में बने मकानों के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। नए विधेयक में खाली जमीन को बिहार राज्य आवास बोर्ड के कब्जे में लेने का भी प्रावधान होगा। मकान नियमित कराने के लिए आवेदन करने वाले लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा, और यदि 180 दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता है, तो बंदोबस्ती या अनुग्रह रकम का दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पहले क्या था नियम? क्यों असफल हुई थी योजना?
2014 में लागू दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती स्कीम के तहत –
- 2 कट्ठा से कम जमीन के लिए सर्किल दर का 25% शुल्क
- 2 से 5 कट्ठा तक के लिए 50% शुल्क
- 5 कट्ठा से अधिक के लिए 100% शुल्क लिया जाता था।
लेकिन उच्च शुल्क के कारण स्थानीय लोगों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। 10,000 से अधिक मकानों में से सिर्फ 93 मकान मालिकों ने ही अपने मकान को नियमित कराने के लिए आवेदन दिया था।
2010 से चला आ रहा कानूनी गतिरोध
2010 में बिहार विधानमंडल से दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती अधिनियम पारित किया गया था। इसके तहत 1024.52 एकड़ भूमि पर बने मकानों की समस्या के समाधान की पहल हुई थी। 2014 में इस कानून के तहत 600 एकड़ भूमि पर मकानों को नियमित करने और 400 एकड़ भूमि पर बने मकानों के बदले फ्लैट या अनुग्रह अनुदान देने की योजना बनी थी। लेकिन अपेक्षा के विपरीत सिर्फ 93 लोगों ने मकान नियमित कराने और 339 लोगों ने अनुग्रह अनुदान लेने के लिए आवेदन दिया था।
नई योजना से मिलेगी वर्षों पुरानी समस्या से राहत
विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने कहा कि सरकार 1024.52 एकड़ भूमि पर रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए नया प्रस्ताव तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि “यह योजना लागू होने के बाद स्थानीय निवासियों की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हो सकेगा।”