बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को करारा झटका लगा है। पूर्वी चंपारण जिले के ढाका से पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष गौहर आलम ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ दी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया। यह राजनीतिक बदलाव मंगलवार, 3 जून की शाम हुआ, जब ढाका के पूर्व विधायक फैसल रहमान के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में गौहर आलम ने अपने समर्थकों के साथ आरजेडी की सदस्यता ली। नए सदस्यों का पार्टी में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्हें माला पहनाकर और आरजेडी की टोपी देकर सम्मानित किया गया।
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वक्फ बिल से उपजा असंतोष
माना जा रहा है कि हाल ही में दोनों सदनों से पारित वक्फ बिल के बाद मुस्लिम समाज में नाराजगी गहराई थी। उसी समय गौहर आलम ने अपने 15 साथियों सहित जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था। अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, उन्होंने आरजेडी में शामिल होकर सियासी समीकरणों में नया मोड़ ला दिया है।
नीतीश पर बरसे गौहर आलम
आरजेडी की सदस्यता लेने के बाद गौहर आलम ने कहा, “जेडीयू कभी सेक्युलर पार्टी थी, लेकिन अब यह बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठ गई है। नीतीश कुमार को अब सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। राज्य की जनता बदलाव चाहती है और तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है।”
आरजेडी में ऊर्जा का संचार: फैसल रहमान
पूर्व विधायक फैसल रहमान ने इसे पार्टी के लिए उत्साहजनक बताया। उन्होंने कहा, “आज कई दलों के नौजवान साथी आरजेडी से जुड़ रहे हैं, जिससे संगठन को नई ऊर्जा मिल रही है। जनता का मूड साफ है — इस बार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से तेजस्वी यादव की ‘माई बहिन मान योजना’ को घर-घर तक पहुंचाने की अपील की।
पार्टी को मजबूती: डॉ. शमीम अहमद
पूर्व मंत्री और नरकटिया विधायक डॉ. शमीम अहमद ने भी इस मौके पर कहा, “सैकड़ों की संख्या में लोगों का आरजेडी में शामिल होना बताता है कि जनता बदलाव चाहती है। यह जनसैलाब पार्टी को और मजबूत करेगा।”