पटना: बिहार में शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू नहीं की जाएगी। सरकार का इस पर कोई विचार नहीं है। मंत्री ने सदन में बताया कि अभी तक चयनित शिक्षकों में केवल 20-22% अभ्यर्थी ही बाहरी राज्यों से हैं, जबकि राज्य के 80% अभ्यर्थियों को नौकरी का अवसर दिया गया है।
डोमिसाइल नीति पर उठा विवाद, RJD विधायक ने सरकार को घेरा
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार विधानसभा में दिव्यांग शिक्षकों की भर्ती में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों के अधिक चयन को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस बहाली में बिहार के दिव्यांग उम्मीदवारों के मुकाबले बाहरी राज्यों के 121 उम्मीदवारों को बहाली दी गई, जबकि बिहार के केवल 44 दिव्यांग अभ्यर्थियों को मौका मिला।
भाई वीरेंद्र ने इसे सरकार की नीतियों का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि डोमिसाइल नीति लागू की जानी चाहिए थी, ताकि बिहार के अभ्यर्थियों को अधिक मौके मिलते। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती में भी बाहरी राज्यों के लोगों को प्राथमिकता मिली, जिससे बिहार के बेरोजगार युवा वंचित रह गए।
शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब, बाहरी अभ्यर्थियों की अधिक संख्या पर दी सफाई
विधानसभा में जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षक बहाली में किसी नीति का उल्लंघन नहीं किया गया है। यह भर्ती पहले से बनी नीतियों के अनुरूप ही की गई है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि दिव्यांग शिक्षक भर्ती में बाहरी अभ्यर्थियों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है।
मंत्री ने आगे जानकारी दी कि समान प्रकाशन के तहत समीक्षा के बाद शिक्षा विभाग ने 7000 से अधिक दिव्यांग शिक्षकों की बहाली की अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को भेज दी है। बीपीएससी जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी करेगा, जिससे दिव्यांग अभ्यर्थियों को अधिक अवसर मिलेंगे।
बिहार के अभ्यर्थियों को लेकर सरकार का रुख
बिहार सरकार का कहना है कि शिक्षक बहाली में 80% से अधिक बिहार के अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है। हालांकि, डोमिसाइल नीति लागू करने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन भविष्य में इसे लेकर समीक्षा संभव है।