बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव करीब है और इसी बीच एक ताज़ा ओपिनियन पोल ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। Poll Tracker द्वारा किए गए इस सर्वे के अनुसार, बिहार की जनता अब सत्ता परिवर्तन की ओर झुकती दिख रही है।
तेजस्वी यादव को बढ़त, NDA को झटका
15 मार्च से 5 जून के बीच 5 लाख से ज्यादा लोगों की राय पर आधारित इस सर्वे में यह अनुमान जताया गया है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन (RJD, कांग्रेस और वाम दल) सत्ता के करीब है।
अनुमानित सीटें:
- महागठबंधन: 126 सीटें (44.2% वोट शेयर)
- NDA (JDU-BJP): 112 सीटें
- अन्य (जन सुराज आदि): 5 सीटें
जनता का मूड क्यों बदल रहा है?
विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई, जातीय समीकरणों में बदलाव और भाजपा-जेडीयू गठबंधन में अस्थिरता जैसे मुद्दे इस बदलाव की बड़ी वजह हैं। तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा और जनसंवाद कार्यक्रमों ने युवाओं और पिछड़े वर्गों में समर्थन मजबूत किया है।
क्या तेजस्वी बनेंगे अगला मुख्यमंत्री?
तेजस्वी यादव का सीएम चेहरा के तौर पर उभरना अब स्थायी राजनीतिक विकल्प जैसा लग रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज कराई थी। वहीं, नीतीश कुमार की बार-बार पाला बदलने की रणनीति जनता को अब भ्रमित करने लगी है, जिससे उनका जनाधार कमजोर हुआ है।
जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन सीमित
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज को इस सर्वे में महज 1 सीट और 2.7% वोट मिलने का अनुमान है।
PK का दावा भले ही बिहार को नया विकल्प देने का हो, लेकिन ग्राउंड लेवल पर उनका प्रभाव सीमित नजर आ रहा है।
राजनीति विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह ट्रेंड चुनाव तक बरकरार रहता है, तो तेजस्वी यादव पहली बार मुख्यमंत्री बनने की राह पर हो सकते हैं।
हालांकि, सीटों का अंतर बहुत बड़ा नहीं है — जिससे post-poll alliance या निर्दलीय विधायकों की भूमिका भी अहम हो सकती है।