Bihar Road Projects 2025: बिहार की सियासी हलचल के बीच राज्य को केंद्र सरकार से एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज मिला है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 675 करोड़ रुपये की लागत से 10 नई सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह परियोजनाएं आठ जिलों में फैली होंगी और राज्य के आंतरिक कनेक्टिविटी नेटवर्क को मजबूत करने के साथ-साथ यात्रा समय को भी काफी कम करेंगी। राज्य सड़क निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने इसकी जानकारी दी।
इन परियोजनाओं में सबसे अहम अररिया जिले का प्रोजेक्ट माना जा रहा है, जहां भारत-नेपाल सीमा से सटे भरगामा प्रखंड के जयनगर से नरपतगंज प्रखंड के घरना तक 30 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस पर 135 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा बक्सर, सारण, नवादा, मधुबनी, भागलपुर, पुर्णिया और पूर्वी चंपारण में भी सड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के बड़े काम होंगे।
बक्सर जिले में चौसा-गोला-कोचस मार्ग (राज्य राजमार्ग 17) को बशाही पुल तक चौड़ा और मजबूत किया जाएगा और एक उच्च स्तरीय पुल भी बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 117 करोड़ रुपये होगी। सारण जिले में तरैया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एसएच-104 पर 12 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण होगा जिस पर 48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नवादा में नवादा स्टेशन रोड से गोसाई बिगहा, जहाना, लाखमोना और सुपौल को जोड़ने वाली 11.6 किलोमीटर सड़क का उन्नयन 45 करोड़ रुपये में किया जाएगा।
मधुबनी जिले में 12.5 किलोमीटर लंबी रामनगर-मोतिपुर-खैरा सड़क को 72 करोड़ रुपये की लागत से चौड़ा और मजबूत किया जाएगा। भागलपुर जिले में 17.14 किलोमीटर लंबा भागलपुर-कोठवाली-गोराडीह मार्ग 80 करोड़ रुपये से उन्नत होगा। इसी जिले में भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग (SH-19) को NH-80 से जोड़ने वाली 4.5 किलोमीटर लंबी सड़क 56 करोड़ रुपये में तैयार की जाएगी।
पूर्वी चंपारण जिले में ढाका-लौखन मार्ग के 11 किलोमीटर हिस्से को 42 करोड़ रुपये और नरीगिर-चंपापुर-अदापुर मार्ग के 15.55 किलोमीटर हिस्से को 47 करोड़ रुपये में चौड़ा और मजबूत किया जाएगा। पुर्णिया जिले में घमदाहा से कुआरी तक 11.2 किलोमीटर सड़क को 29 करोड़ रुपये में अपग्रेड किया जाएगा।
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह परियोजनाएं केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना कोष (CRIF) योजना के तहत लागू की जाएंगी और अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है ताकि निर्माण समय पर शुरू हो सके। उनका दावा है कि इन परियोजनाओं से ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में विकास की रफ्तार तेज होगी और लोगों को बेहतर सड़क नेटवर्क का फायदा मिलेगा।






















