बिहार की राजनीति में एनडीए (NDA) का ‘सीट बंटवारा फार्मूला’ अब विवाद और कलह की नई वजह बन गया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे (Abhay Dubey) ने एनडीए पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में सीट बंटवारे के नाम पर अति पिछड़ों को हाशिए पर धकेल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख और कुर्सी की होड़ ने एनडीए को अंदर से कमजोर कर दिया है।
अभय दुबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने गठबंधन सहयोगियों को केवल दिखावे के लिए सीटें दी हैं। भाजपा और जदयू को 101-101 सीटें मिलीं, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29, जीतन राम मांझी की ‘हम’ (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम (RLM) को मात्र 6-6 सीटें। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े ही साबित करते हैं कि एनडीए में समानता नहीं, बल्कि असमानता का बंटवारा हुआ है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए के नेताओं में अब विपक्ष में बैठने की होड़ मची है। उन्होंने कहा कि मांझी जी ने खुले तौर पर कहा है कि उन्हें उनकी जाति की वजह से कम सीटें मिलीं, और इसका खामियाज़ा एनडीए को भुगतना पड़ेगा। उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने कार्यकर्ताओं के नाम लिखी चिट्ठी में दर्द जाहिर किया कि उन्हें उनकी मेहनत के अनुरूप सम्मान नहीं मिला।
अभय दुबे ने भाजपा-जदयू गठजोड़ को “जोड़-तोड़ और माथाफोड़ गठबंधन” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन बिहार के विकास के लिए नहीं, बल्कि सत्ता की कुर्सी बचाने के लिए है। दुबे ने कहा कि यह गठबंधन वैचारिक नहीं, बल्कि अवसरवादी है, जहां हर नेता अपने हित साधने में लगा हुआ है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कमजोर स्थिति पर भी तंज कसा और कहा कि जिस पार्टी में सांसद अजय मंडल अपने ही मुख्यमंत्री से मिलने के लिए तरस जाएं, और विधायक गोपाल मंडल मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे रहें, वहां लोकतंत्र नहीं, बल्कि मनमानी चल रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जदयू अब कुछ नेताओं के कब्जे में है – ललन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी पार्टी की पूरी कमान अपने हाथों में लेकर नीतीश कुमार की राजनीतिक जमीन खिसका रहे हैं।
चिराग पासवान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में 135 सीटों पर लड़कर मात्र एक सीट जीतने वाली पार्टी को इस बार 29 सीटें देना एनडीए की “हार की पूर्व घोषणा” है। उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू अब समान सीटों पर चुनाव लड़ने को मजबूर हैं, जो साफ दिखाता है कि नीतीश कुमार की स्थिति पहले जैसी नहीं रही।
अभय दुबे ने कहा कि आज बिहार की जनता समझ चुकी है कि एनडीए अब जनता के मुद्दों से भटक चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाला चुनाव महागठबंधन के लिए एक मौका नहीं बल्कि जनता के लिए विकल्प होगा। दुबे ने अपने बयान के अंत में कहा – “अब बिहार की जनता कह रही है, कर लो तैयारी, अब अच्छी सरकार देने की महागठबंधन की बारी।”






















