बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले सियासी माहौल में भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार में अदाणी समूह के साथ बिजली खरीद समझौते में 62 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। आरके सिंह का यह बयान न सिर्फ भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है, बल्कि एनडीए गठबंधन के भीतर भी मतभेदों को उजागर करता दिख रहा है।

आरके सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने अदाणी पावर लिमिटेड के साथ ऐसा करार किया है, जिसके तहत अगले 25 साल तक बिहार को प्रति यूनिट ₹6.75 की दर से बिजली खरीदनी होगी। उन्होंने कहा कि इस डील में जनता के पैसों का बड़ा नुकसान हुआ है और इसका सीधा असर बिहार की जनता पर पड़ेगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि इसमें सरकार के कुछ मंत्री और अफसर भी शामिल हैं, इसलिए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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इस बयान के बाहर आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि “जब भाजपा के अपने पूर्व मंत्री भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप क्यों हैं?” पवन खेड़ा ने आगे कहा कि “यह सिर्फ एक आर्थिक घोटाला नहीं, बल्कि जनता के साथ धोखा है।” उन्होंने मीडिया चैनलों पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कुछ न्यूज प्लेटफॉर्म्स ने आरके सिंह का बयान दिखाने के बाद वीडियो डिलीट कर दिया, जिससे साफ है कि दबाव में सच्चाई को छिपाया जा रहा है।






















