Bihar Adhikar Yatra: बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनावी समर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत की है। यह यात्रा सिर्फ रथ पर सवार होकर जिलों का दौरा भर नहीं है, बल्कि इसमें रणनीति, संवाद और जनसंपर्क का वह संगम दिख रहा है, जो सीधे चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

यात्रा का आगाज़ जहानाबाद से हुआ, जहां तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्होंने बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने पर जोर दिया और कार्यकर्ताओं से सीधा फीडबैक लिया। यह पहल बताती है कि आरजेडी इस बार जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय करने पर फोकस कर रही है। जहानाबाद में तेजस्वी ने साफ कहा कि जनता की अपेक्षाओं और वास्तविक समस्याओं को समझना ही उनकी प्राथमिकता है।
नालंदा में यात्रा का अगला पड़ाव होगा, जहां महिलाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि उनकी ‘मां-बहन सम्मान योजना’ चुनावी एजेंडे का बड़ा हिस्सा बनने जा रही है। महिलाओं से सीधे सुझाव लेकर इस योजना को और व्यापक बनाने की कोशिश उनकी राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि महिला वोट बैंक को साधना इस बार सभी दलों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

तेजस्वी यादव ने यात्रा की शुरुआत से पहले अपने संबोधन में कहा कि “बिहार का हक दिलाना हमारी लड़ाई है। हम किसानों से भी बातचीत करेंगे और हमारी माता-बहनों से भी मुलाकात करेंगे।” प्रधानमंत्री के पूर्णिया दौरे पर उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा केवल चुनाव से पहले जनता को भ्रमित करने के लिए आती है और असल मुद्दों से ध्यान भटकाती है।






















