बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज एक और हंगामेदार दिन के रूप में सामने आया। प्रश्नोत्तरकाल के दौरान बीजेपी विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार से सवाल पूछ दिया, जो सत्तारूढ़ पक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया। विधायक ने राज्य में धान की खरीदारी को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद सरकार को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
BJP विधायक ने उठाया धान खरीद का मुद्दा
बीजेपी विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि धान खरीद में बिचौलियों और मिलरों की मिलीभगत से गड़बड़ी की गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 25 दिनों में कैसे सरकार ने धान खरीद का निर्धारित लक्ष्य पूरा किया। विधायक ने यह आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया कागजी घोटाले तक सीमित रही और असल में किसानों से धान की खरीदी नहीं की गई।
मंत्री प्रेम कुमार ने दिया जवाब
सरकार की तरफ से इस सवाल का जवाब देने के लिए सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार सामने आए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले वित्तीय वर्ष में धान की खरीद सिर्फ 66 प्रतिशत हो पाई थी, लेकिन इस बार सरकार ने 87 प्रतिशत धान की अधिप्राप्ति की है। मंत्री ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की सरकार हमेशा किसानों और गरीबों के हक में काम करती है। मंत्री ने दावा किया कि महज 48 घंटों के भीतर किसानों के खातों में भुगतान भेज दिया गया था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यदि कहीं गड़बड़ी हुई है तो सरकार उस पर तुरंत कार्रवाई करेगी।
विपक्षी विधायक की जांच की मांग
बीजेपी विधायक तारकिशोर प्रसाद ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और राज्य के सभी जिलों में धान खरीद की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी जिले में धान की अधिप्राप्ति में कोई अनियमितता न हो। मंत्री प्रेम कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी जिले में गड़बड़ी हुई है तो उसे उजागर किया जाए, और सरकार अगले सात दिनों में मामले की जांच कर कार्रवाई करेगी।
सदन में बढ़ी तकरार
विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों और सरकार के जवाबों के बीच, सदन में तनाव का माहौल था। बीजेपी विधायक ने आरोपों को लेकर सरकार से ठोस जवाब की मांग की, जबकि मंत्री प्रेम कुमार ने यह साफ किया कि सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।