बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) की सियासी हलचल अब चरम पर है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुआई में भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने पटना का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरे को चुनावी शंखनाद से पहले की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक कड़ी माना जा रहा है।
आयोग ने सबसे पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से बैठक की। बैठक में भाजपा, कांग्रेस, जदयू, राजद, लोजपा-आर, रालोजपा, माले, सीपीएम, आप और बसपा समेत अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के दौरान निर्वाचन आयोग ने सभी दलों से अपील की कि वे चुनावी प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखें और हर पड़ाव में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि चुनाव पर्व को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया जाए तथा मतदाताओं का सम्मान हमेशा प्राथमिकता हो।
एक फेज में हो चुनाव, छठ पर्व के बाद… जेडीयू की इलेक्शन कमीशन से मांग, क्या बोले दिलीप जायसवाल
राजनीतिक दलों ने आयोग की नई पहल, जैसे मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं का निर्धारण, पोस्टल वोटों की गिनती और फॉर्म 17C से जुड़ी व्यवस्थाओं की खुलकर सराहना की। सभी दलों ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए ऐतिहासिक कदमों की प्रशंसा की और चुनावी प्रक्रिया में अपनी निष्ठा और विश्वास को दोहराया।
इसके अलावा, राजनीतिक दलों ने छठ पर्व के बाद चुनाव कराने की मांग करते हुए यह भी सुझाव दिया कि चुनाव को कम से कम चरणों में संपन्न किया जाए ताकि मतदाताओं की भागीदारी अधिक हो। सभी दलों ने निर्वाचन आयोग में अपना पूरा विश्वास जताया और सुनिश्चित किया कि वे स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की प्रक्रिया का समर्थन करते रहेंगे।






















