बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन प्रक्रिया के दौरान पूर्णिया जिले की दो महत्वपूर्ण सीटों—धमदाहा और रुपौली—पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने प्रत्याशियों के पर्चे दाखिल कराए। यह कदम महागठबंधन की रणनीति को मजबूत करने वाला माना जा रहा है, खासकर तब जब पूर्व जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेताओं ने हाल ही में राजद का दामन थाम लिया है।
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राजद के संतोष कुशवाहा ने नामांकन दाखिल किया। संतोष कुशवाहा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पूर्णिया से जदयू के टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे जदयू से ही लड़े, लेकिन निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से 23,847 वोटों से हार गए। चुनाव से ठीक पहले (अक्टूबर 2025 की शुरुआत में) उन्होंने जदयू छोड़कर राजद जॉइन किया, जिसे सामाजिक न्याय की मांग को लेकर उठाया गया कदम बताया गया। नामांकन के बाद संतोष ने कहा, “इस बार धमदाहा की जनता ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया है।” यह सीट ब्राह्मण, राजपूत और एससी मतदाओं का गढ़ है, जहां यादव-मुस्लिम समीकरण राजद के पक्ष में काम कर सकता है।
राजद की बीमा भारती ने अपनी परंपरागत सीट से नामांकन दाखिल किया। बीमा भारती चार बार जदयू से विधायक रह चुकी हैं (2005, 2010, 2015, 2020) और एक बार (2000) निर्दलीय के रूप में जीती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुईं और पूर्णिया से लड़ीं, लेकिन केवल 27,120 वोट मिले तथा जमानत जब्त हो गई। 2024 में रुपौली उपचुनाव में जदयू ने उनकी जगह उनके पति अवधेश मंडल को निर्दलीय उतारा, लेकिन अब वे खुद राजद के टिकट पर मैदान में हैं। नामांकन पर बीमा ने कहा, “रुपौली में बचे हुए विकास कार्यों को पूरा करना मेरी प्राथमिकता होगी, और इस बार मेरी जीत तय है।” यह सीट बाढ़, पलायन और अतिपिछड़ा वोट बैंक (गंगोता जाति) से प्रभावित है, जहां बीमा का लंबा राजनीतिक अनुभव फायदा दे सकता है।






















