बिहार की राजनीति में एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। बिहार भाजपा अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) ने राष्ट्रीय जनता दल और उसके शीर्ष नेतृत्व पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि राजद अब न तो ठोस मुद्दों के साथ राजनीति कर पा रहा है और न ही उसके पास बिहार के भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट सोच बची है। उन्होंने कहा कि राजद का मौजूदा रवैया यह दिखाता है कि पार्टी मुद्दाविहीन हो चुकी है और बेरोजगारी की स्थिति में अनर्गल बयान देना उसकी आदत बन गई है।
दिलीप जायसवाल ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस दावे को अव्यावहारिक करार दिया, जिसमें उन्होंने बिहार के हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात कही थी। जायसवाल के मुताबिक आज़ादी के बाद पिछले करीब आठ दशकों में बिहार में कुल मिलाकर 20 से 22 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिली है, जबकि तेजस्वी यादव 3 करोड़ 80 लाख परिवारों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों और हकीकत से परे ऐसे दावे यह साबित करते हैं कि विपक्ष केवल भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है, न कि गंभीर नीतिगत सोच के आधार पर जनता से संवाद कर रहा है।
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि रोजगार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जिम्मेदार राजनीति होनी चाहिए। युवाओं की आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ कर हवा-हवाई वादे करना न केवल भ्रामक है, बल्कि इससे लोकतांत्रिक विमर्श की गंभीरता भी प्रभावित होती है। उनके अनुसार सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से रोजगार सृजन और विकास के लिए कदम उठाए हैं, जबकि विपक्ष केवल आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर सुर्खियां बटोरने में लगा हुआ है।
इसी क्रम में दिलीप जायसवाल ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह पूरी तरह से लालू यादव और राबड़ी देवी के परिवार का आंतरिक मामला है। यदि किसी प्रकार की पीड़ा या अन्याय की बात सामने आ रही है तो उस पर सबसे पहले परिवार को ही आत्ममंथन करना चाहिए। जायसवाल ने कहा कि पारिवारिक मामलों को राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है और इस पर निर्णय लेने का अधिकार भी संबंधित परिवार को ही है।






















