भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार में पसमांदा मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने रविवार को पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित “पसमांदा मिलन समारोह” में ऐलान किया कि पार्टी इस वंचित समुदाय को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व देगी।
“वोटबैंक राजनीति ने पसमांदाओं को पीछे छोड़ा”
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. जायसवाल ने कड़े शब्दों में कहा कि बिहार में दशकों से मुसलमानों के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन पसमांदा समाज को कभी आगे नहीं बढ़ाया गया। इनका अर्थ ही है ‘पीछे छूट गए’।” उन्होंने आगे कहा कि एनडीए सरकार ने इस समुदाय को आरक्षण देकर ऐतिहासिक न्याय किया है।
भाजपा की तीन सूत्री रणनीति
- समानता: सभी वर्गों के साथ समान व्यवहार
- संवाद: समुदाय के साथ निरंतर संपर्क
- विकास: शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक सशक्तिकरण
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कमरूजमा अंसारी ने बताया कि पार्टी ने पसमांदा समुदाय के 70-80% लोगों तक पहुंच बनाई है, जो अब तक राजनीतिक प्रक्रिया से वंचित थे।
दानिश इकबाल का तीखा हमला
पार्टी के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदाओं का शोषण किया। एक वर्ग ने इन्हें सिर्फ वोट की मशीन समझा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ही इस समुदाय को वास्तविक सशक्तिकरण दे सकती है।
सम्मेलन में 500 से अधिक पसमांदा समुदाय के सदस्यों ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने पार्टी से शिक्षा और रोजगार के विशेष प्रयासों की मांग की। पसमांदा युवाओं को पार्टी संगठन में जगह देने का वादा किया गया।