Bihar BJP Ticket Cut 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है, और राजनीतिक हलचल अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। एक तरफ विपक्षी दल अपने गठबंधनों और वादों को लेकर जनता के बीच सक्रिय हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी चुनावी शतरंज की चालें बिछानी शुरू कर दी हैं। पार्टी ने इस बार पुराने समीकरणों से हटकर एक नया ‘परफॉर्मेंस बेस्ड’ फार्मूला अपनाने का फैसला किया है, जिसका सीधा असर कई मौजूदा विधायकों पर पड़ने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में चुनावी तैयारियों को लेकर विस्तृत मंथन किया गया। इस बैठक में करीब 600 से अधिक संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। पार्टी ने अब तक बिहार की 125 सीटों पर गहन फीडबैक जुटाया है—जिनमें 110 सीटें वे हैं, जहां पिछली बार भाजपा के उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 15 नई सीटों को समीक्षा के दायरे में जोड़ा गया है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार टिकट उन नेताओं को ही मिलेगा जिनका जनाधार मजबूत है और जिनका संगठनात्मक जुड़ाव सक्रिय रहा है। दो दर्जन से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की संभावना जताई जा रही है। इनमें खासतौर पर अलीपुर के विधायक मिश्रा लाल यादव, नरकटियागंज की रश्मि वर्मा, और रामनगर की भागीरथी देवी के नाम चर्चा में हैं। वहीं, लोरिया के विधायक विनय बिहारी के भविष्य पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
उम्मीदवारों के नाम पर BJP का मंथन शुरू.. इस बार महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता
बैठक में बागी तेवर दिखाने वाले और अनुशासनहीन विधायकों पर भी गंभीर चर्चा हुई। पार्टी का मानना है कि संगठन के प्रति निष्ठा और जनता के बीच छवि दोनों को टिकट वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी। भाजपा का आंतरिक सर्वे भी इस बात की पुष्टि करता है कि कई मौजूदा विधायकों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है।
इस बार भाजपा का लक्ष्य स्पष्ट है—“विजेता उम्मीदवार” फार्मूला। पार्टी पुराने चेहरों पर भरोसा करने के बजाय नए और सशक्त विकल्पों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि बिहार चुनाव केवल गठबंधनों का नहीं, बल्कि छवि, प्रदर्शन और विश्वसनीयता की परीक्षा होगा। यही कारण है कि पार्टी टिकट वितरण में किसी भी प्रकार का समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही।






















