पटना: बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का दसवां दिन राजनीतिक घमासान और हंगामे के नाम रहा। सोमवार को जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा। विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार के खिलाफ नारों की गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने प्रदेश में बढ़ते अपराध और पुलिसकर्मियों की हत्या के मुद्दे पर सरकार पर सीधा हमला बोला।
सदन के बाहर से शुरू हुआ हंगामा
होली की छुट्टियों के बाद जब सोमवार को बजट सत्र की फिर से शुरुआत हुई तो विपक्षी दलों के विधायक सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख में दिखे। राजद विधायक मुकेश रौशन ने हाथों में ‘बिहार में हर दिन हत्या, लूट, बलात्कार’ लिखे पोस्टर लहराए और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए।
इस दौरान, बिहार के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मियों की हत्या के मामलों को लेकर भी जमकर प्रदर्शन हुआ। मुंगेर और अररिया में दारोगा की हत्या को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था विफल होने का आरोप लगाया और सड़क से सदन तक प्रदर्शन जारी रखा।
‘खून की होली’ के पोस्टर पर हंगामा
जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी विधायक हाथों में ‘खून की होली’ लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे। इस दृश्य ने सदन को ज्वालामुखी में बदल दिया। माहौल इतना गरमा गया कि स्पीकर को मार्शल से पोस्टर छीनने के आदेश देने पड़े। कुछ ही देर में मार्शलों ने विपक्षी विधायकों के हाथ से पोस्टर जब्त कर लिए, लेकिन सरकार के खिलाफ नारों की गूंज जारी रही।
वित्तीय अनियमितताओं पर उठे सवाल
बजट सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 के आय-व्ययक में सम्मिलित अनुदानों पर चर्चा और मतदान भी होना था, लेकिन हंगामे के चलते यह मामला पीछे छूट गया। विपक्ष ने जीविका में वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा भी उठाने का इशारा किया, जिससे सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
पुलिस पर हमले को लेकर विपक्ष आक्रामक
होली के दौरान बिहार में पुलिस पर बढ़ते हमलों को लेकर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा। मुंगेर और अररिया में दारोगा की हत्या समेत कई जिलों में पुलिस पर हुए हमलों के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया। विपक्ष का कहना था कि जब रक्षक ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी?
सोमवार की कार्यवाही के दौरान पंचायती राज विभाग से संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी रखा गया, लेकिन हंगामे के बीच इस पर चर्चा सीमित रही। विधान परिषद में बिहार नगरपालिका सेवा नियमावली, 2021 की प्रति सदन की मेज पर रखी गई।