Bihar Politics: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन राजनीतिक बयानबाज़ियों से गर्म रहा। RJD विधायक कुमार सर्वजीत द्वारा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को ‘बुलडोजर बाबा’ कहे जाने के बाद सदन का माहौल और भी तूल पकड़ गया। अतिक्रमण हटाओ अभियान के मुद्दे पर शुरू हुई यह नोकझोंक अब सुशासन बनाम बुलडोजर राजनीति के बीच खींची गई एक नई लकीर की तरह दिख रही है।
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान RJD ने आरोप लगाया कि गरीबों की झोपड़ियों पर चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की वजह से पत्रकारों और विपक्ष द्वारा सम्राट चौधरी को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जा रहा है। इस टिप्पणी पर डिप्टी सीएम ने सख्ती से जवाब देते हुए कहा कि बिहार में न तो कोई बुलडोजर राजनीति है और न ही उनका नाम ‘बुलडोजर बाबा’ है, बल्कि राज्य में सिर्फ और सिर्फ सुशासन की नीति लागू की जा रही है।
गरीबों की झोपड़ियां उजाड़ते हैं सम्राट चौधरी.. राजद विधायक ने ‘बुलडोजर बाबा’ पर साधा निशाना
सम्राट चौधरी ने सदन में स्पष्ट किया कि अतिक्रमण पर कार्रवाई न्यायालय के निर्देशों पर हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में कानून का शासन सर्वोपरि है और कार्रवाई सिर्फ उन पर हो रही है जो कानून तोड़ रहे हैं—चाहे वे बालू माफिया हों, भू माफिया हों या शराब माफिया। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार गरीबों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और “जिनके पास जमीन नहीं, उन्हें जमीन दिलाने और पक्का मकान देने का काम केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कर रही हैं।”
उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि सुशासन के दौर में माफिया और अपराधियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाएगी और हर कार्रवाई न्यायालय तथा प्रशासनिक आदेशों के तहत की जा रही है। सम्राट चौधरी ने यह भी दोहराया कि बिहार में बुलडोजर का मुद्दा विपक्ष की राजनीति का हिस्सा जरूर हो सकता है, लेकिन सरकार के एजेंडे में केवल सुशासन और कानून व्यवस्था ही शामिल है।






















