बिहार की राजनीति में भूचाल लाने वाला कैबिनेट विस्तार आखिरकार हो गया, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी उठ खड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी कोटे से सात नए मंत्रियों को अपनी सरकार में जगह दी, लेकिन इनकी ‘पृष्ठभूमि’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नए मंत्रियों में कई ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं—हत्या, आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी कार्य में बाधा डालने से लेकर औषधि घोटाले तक। चुनाव से ठीक पहले यह राजनीतिक कदम कितना कारगर होगा और क्या इससे सरकार की छवि प्रभावित होगी? आइए, इस राजनीतिक ‘कुंडली’ का विश्लेषण करते हैं।
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नए मंत्रियों की ‘कुंडली’ में दर्ज अपराध
1. राजू सिंह (साहेबगंज से विधायक) – ‘मर्डर’ केस में नाम!
राजू सिंह पर हत्या और आर्म्स एक्ट सहित 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- सबसे गंभीर मामला: 2019 में दिल्ली के फतेहपुर बेरी में एक फार्महाउस में महिला की हत्या का केस। इस मामले में IPC की धारा 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट के तहत दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था।
- अन्य केस: पारु थाना, नगर थाना और पटना सिविल कोर्ट में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी और हिंसा से जुड़े कई मामले दर्ज हैं।
2. कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर से विधायक) – मारपीट और सरकारी काम में बाधा के आरोप!
इनके खिलाफ 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- संगीन आरोप:
- नाजायज मजमा बनाकर सरकारी कार्य में बाधा डालना
- मारपीट और चोरी के मामले
- भयादोहन और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का आरोप
3. मोतीलाल प्रसाद (रीगा से विधायक) – हत्या के प्रयास तक के आरोप!
- इन पर धारा 307 (हत्या के प्रयास) समेत अन्य मामले दर्ज हैं।
- सीतामढ़ी और बैरगनिया थाने में कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
4. सुनील कुमार (बिहार शरीफ से विधायक) – धोखाधड़ी और अतिक्रमण के मामले!
इन पर 7 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनमें दो केस कोर्ट परिवाद के तहत चल रहे हैं।
- धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के मामले दर्ज।
- सरकारी भूमि के अतिक्रमण और सरकारी व्यवस्था भंग करने के आरोप।
5. जीवेश मिश्रा (जाले से विधायक) – औषधि घोटाले के आरोप!
- सिंहवाड़ा थाना में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत कई केस दर्ज हैं।
- जयपुर, राजस्थान और राजसमंद में भी औषधि नियंत्रण से जुड़े मामलों में नाम।
6. संजय सरावगी (दरभंगा से विधायक) – चुनावी आचार संहिता उल्लंघन!
- लहेरियासराय थाने में चुनावी आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज।
- रेलवे सुरक्षा बल और अन्य सरकारी संस्थानों से जुड़े कई मामले।
7. विजय कुमार मंडल (सिकटी से विधायक) – चुनावी गड़बड़ी के आरोपी!
- कुर्साकांटा थाने में चुनावी धांधली और हिंसा से जुड़े केस दर्ज।
जातिगत समीकरण साधने का खेल?
बीजेपी कोटे से बनाए गए ये नए मंत्री जातिगत समीकरणों का परिणाम हैं। इसमें भूमिहार, राजपूत, वैश्य, कुर्मी, तेली और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले विधायक शामिल हैं।
- भूमिहार: जीवेश मिश्रा
- राजपूत: राजू सिंह
- वैश्य: संजय सरावगी
- कुर्मी: कृष्ण कुमार मंटू
- तेली: मोतीलाल प्रसाद
- अति पिछड़ा वर्ग: विजय मंडल
इससे साफ है कि बीजेपी ने अपने सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए कुछ विवादित चेहरों को भी मंत्री पद दे दिया।