मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्री परिषद् की बैठक (Bihar Cabinet) में कुल 49 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इनमें आम जनता, शिक्षा, खेल और बुनियादी ढांचे से जुड़े बड़े प्रावधान शामिल हैं। बैठक में ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के मानदेय को 6000 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2024 से लागू होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से ग्रामीण स्तर पर न्याय व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और पंचायत स्तर पर काम करने की गंभीरता भी बढ़ेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा ऐलान किया गया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के तहत नव स्वीकृत 40 आवासीय विद्यालयों में 10+2 स्तर तक की पढ़ाई के लिए शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव के तहत कुल 1800 नए पद बनाए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इससे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

बैठक में सबसे बड़ा निर्णय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने से जुड़ा रहा। ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। रोजगार शुरू होने के छह महीने बाद आकलन कर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान भी किया गया है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा में नए चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल खोलने को मंजूरी मिली। अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय विद्यालयों में 1800 पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी गई।
पथ निर्माण विभाग के कई प्रस्तावों पर मुहर लगी, वहीं पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के लिए 241 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। भवन निर्माण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग की कई योजनाओं को भी मंजूरी मिली।
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खेल संरचना को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। पटना प्रमंडल और मुख्यालय स्तर पर खेल सुविधाओं के लिए 100 एकड़ भूमि के अधिग्रहण पर 574 करोड़ 33 लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई है। इससे प्रदेश में खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही, राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना जेपी गंगा पथ को लेकर भी अहम कदम उठाया गया है। इसके निर्माण कार्य के लिए 4,119 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। गंगा पथ को राजधानी पटना के लिए एक लाइफलाइन माना जा रहा है, क्योंकि इसके पूरा होने से ट्रैफिक दबाव कम होगा और शहरवासियों को बेहतर सड़क संपर्क उपलब्ध होगा।






















