Bihar Cabinet Decisions: बिहार की नीतीश सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई, जिनका सीधा असर राज्य के रोजगार, अल्पसंख्यक कल्याण और सामाजिक सम्मान योजनाओं पर पड़ेगा। कुल 30 महत्वपूर्ण एजेंडों में सबसे चर्चित निर्णय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 459 नए पदों के सृजन और मीसा के तहत जेल गए आंदोलनकारियों की पेंशन में भारी बढ़ोतरी से जुड़ा रहा।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जो 1991 से एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम कर रहा है, अब और सशक्त होगा। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम को पूरे राज्य में लागू करने के कारण विभाग के कार्यभार और जिम्मेदारियों में तेजी से इजाफा हुआ है। योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट ने 459 निम्नवर्गीय लिपिक के नए पद सृजित करने का फैसला किया है। ये नियुक्तियां राज्य के विभिन्न प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालयों में होंगी, जिससे अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।
कैबिनेट बैठक में लिया गया एक और बड़ा फैसला जेपी आंदोलन से जुड़े मीसा बंदियों के सम्मान पेंशन में बढ़ोतरी का रहा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 के बीच हुए आंदोलन के दौरान मीसा (MISA) और डीआईआर के तहत जेल जाने वालों के लिए पेंशन राशि दोगुनी कर दी गई है। पहले जहां एक से छह माह तक जेल में रहे आंदोलनकारियों को 7,500 रुपये और छह माह से अधिक अवधि तक जेल में रहने वालों को 15,000 रुपये पेंशन मिलती थी, अब यह राशि क्रमशः 15,000 और 30,000 रुपये कर दी गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये दोनों फैसले न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि चुनावी दृष्टिकोण से भी बड़ा असर डाल सकते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में नई नियुक्तियां युवाओं को रोजगार का अवसर देंगी, जबकि मीसा बंदियों की पेंशन बढ़ोतरी पुराने जनांदोलनों से जुड़े परिवारों में राजनीतिक संदेश पहुंचाएगी।






















